2008-04-12

चंदन को .....

इन्ही सर्दियों मे .....बांदा (u।p) मे एक रिक्शेवाले ओर उसकी पत्नी ने अपने दोनों बच्चो को मुफलिसी ओर भुखमरी की वजह से किसी ऐसे इंसान को बेच दिया जिसको औलाद की चाह थी ,मीडिया मे ख़बर छापी ,प्र्शशासन सचेत हुआ ,हो हल्ला मचा ओर फ़िर आखिरकार शहेर के डी।म के आदेशानुसार बच्चो की बरामदगी तुरंत-फुरांत हो गई ,कड़ाके की ठंड थी ,असली माँ बाप कलपे की नही पाल सकते .....खैर रात भर ४ महीने का नन्हा बच्चा अपनी माँ के साथ उस कड़ाके वाली ठंड मे पूरी रात थाने मे रहा ओर दुर्भाग्य से उसने न्युमुनिया पकड़ लिया.....अगली सुबह तक उसने दम तोड़ दिया ... मैं नही जानता की इश्वर के कौन से पैमाने है ?या कोई पैमाने भी है या नही.... उसका नाम चंदन था .....उसी पर कुछ त्रिवेनिया लिखी थी ........

(1)तजुर्बे के अपने मानी है
सारी रात अकेला लड़ा वो........

ज़िंदगी से पहली जंग थी

(२)
इक इक साँस की जद्दो-जेहद
फेफड़ो ने भी क़बूल किया अब....

मुफलिसी से बड़ा जुर्म नही कोई?

(३)एक नन्ही जान ने आवाज़ दी
रात भर कई दुआ आवारा फिरी.....

कल तू कहाँ था खुदा?


किसान कही के भी हो कर्ज लेने के बाद आत्महत्या का रास्ता अपनाते है,उसी रात अगली ख़बर NDTV पर इसी विषय मे थी..... उसी पर ये त्रिवेणी

सफ़ेद चादर ऑड हँसता है
बहुत बड़ी "चीटिंग "कर गया.....
मुर्दे कभी क़र्ज़ नही देते

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