2009-09-14

यार फटीचर तू इतना इमोशनल क्या है ?


जीने के टूल्स इतनी तेजी से बदल रहे है की साला हर दस से बीस साल के बाद दुनिया का एक नया "वर्ज़न" लॉन्च हो   रहा है . इस इश्तेहारी ज़माने में  हर आदमी  हाई लाइटर लिए खडा है .जिसकी स्याही का रंग भी  रोज बदल रहा है
..पहले हम जिसे "रेट रेस" कहते थे बीस साला सोनू उसे "सरवाइवल ऑफ़ फिटेस्ट " कहता है ...रोज सुबह आसमान की ओर सर उठाकर देखता हूँ की कही फ्लेश तो नहीं हो रहा ...प्लीज़ अपडेट यूर सॉफ्टवेयर ....नयी परिभाषाये इतना कनफ्यूज़न क्रिएट करती है .की रोज  सुबह एक "रिफ्रेश " का बटन दबाना पड़ता है ...

 पुष्पा आई हेट टियर्स !
...सुनते है दूर देश की एक पॉप स्टार ने अपने प्रेमी के  फोन पे रिकोर्ड मेसेज सेल कर दिए है ...इसे समझदारी कहते है ...टाईम्स ऑफ़ इंडिया के एक आर्टिकल के मुताबिक अब कोई रिलेशन टूटने के बाद कोई ठहरता नहीं..दुसरे रिलेशंस में इन्वोल्व हो जाता है ...इसे" इमोशनल इंटेलिजेंस "कहते है ... अब लगता है..कमाल का पेशेंस   रखते थे शीरी -फरहाद ......   वाई फाई युग में "सेंटीमेंटल" होना अवैज्ञानिक है .. कितना .इलोजिकल....रेलवे स्टेशन पे चाय के छोकरे को देख  हीरो  के रोने वाली फिल्म अब  ओल्ड फेशंड है ……नये डी एन ए  में कुछ अमीनो  असिड  की सिक्वेंस  चेंज   हुई  है शायद ...घनी घूत  भावुकता   से   एलर्जी    के रोगी बढ़ रहे है..
सोचता  हूँ   गुरुदत्त  अगर आज होते तो ....कितनी लड़कियों का जीवन अपनी फेयर नेस क्रीम से सुधार चुकी  करोडो का टर्नओवर  कमाने वाली  कम्पनी के  एक साहब  कहते है .... .. समझदार लोग मौके के मुताबिक अपने इमोशंस को घटा बढा देते है....
संजय दत्त सुना है अपने बदन पे टेटू करवाने साउथ अफ्रीका गये है ..भारत  कल पूरा  दिन  वन डे रेंकिंग में टॉप पे रहा है....मल्होत्रा जी सड़क पे  अपनी  बड़ी गाडी रोक के खड़े है ... ...सड़क   किनारे  एक पुराने  पेड़ के नीचे बैठे बूढे मोची  को देख भारत भ्रमण को आया उनका भांजा जब अमेरिकी अंग्रेजी  में" वोव " कह कर  अपने लेटेस्ट निकोन कैमरे से फोटो उतार  रहा है ...मल्होत्रा  जी   मुझे  देख  मुस्कराते है.....बूढे मोची की आँख मिचिया गयी है ...लगता है जिंदगी में पहली बार किसी ने उसकी फोटो ली है .... 
. क्या आसमान में कुछ हलचल  हुई है ... कोई   फ्लेश   दिखा आपको  ....



वक़्त के उस मोड़ पर  जब अचानक टक्कर हुई थी तुमसे
मीठे-मीठे कितने  लफ्ज़  बिखर गये थे सड़क पर तुम्हारे बैग से .......
सुनते  है पहले  कुछ ओर था  जिसे तुम हुनर कहते हो.
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