2010-01-23

सरवाइवल ऑफ़ फिटेस्ट उर्फ़ नैतिकता के मेनिफेस्टो .....

कैसे  रहते है लोग यहाँ "? एक्सामिन टेबल पर लेटी सेक्स वोर्केर को एक्सामिन  करते -करते  मेरी कुलिग़ ने अंग्रेजी मे मुझसे कहा था . 
 "सेक्स वर्कर ". सभ्य समाज की डिक्शनरी बदल रही है .सूरत के रेड लाइट एरिया की उस बस्ती मे दो कमरों को फेरबदल करके बनाया हुआ वो "अस्थायी जांच -केन्द्र "था , जिसके एक कमरे के बीचों -बीच परदा डाल कर आधे हिस्से मे छोटी सी पेथोलोजी लैब का सेट अप था ,ओर एक हिस्से मे एक्सामिन रूम. ३ महीने मे एक बार  तीन चार डिपार्टमेंट का मिलजुल कर  उन्ही के एरिया मे आकर कैम्प लगाना .नाको (N ACO ).के  उस  प्रोजेक्ट  मे  शामिल  था .
अगली  लड़की  तकरीबन  कोई  १७  साल  की  थी  पहाडी  नैन  नक्श  चेहरे पर छोटे छोटे चेचक के दाग मेरी मौजूदगी से वो थोडी असहज दिखी है   तो मैं कमरे से बाहर निकल आया .हूँ .
बाहर  सड़क के कोने मे  खड़ा   एक बूढा पीपल का पेड़  ओर  शिव   को  बैठा कर बनाया  गया  एक मन्दिर .मूर्ति के आगे पड़े कुछ फूल . मूर्तिया कभी  शिकायत नहीं करती  कही भी बैठ जाती है आँख मूँद कर कुछ       बुदबुदाती  एक  सात -आठ साल की बच्ची , दो चुटिया ,फूलों वाला फ्राक,सांवला रंग . कुछ भी ऐसा नही जो उसे दूसरे बच्चो से अलग करे .जन्म एक एक्सीडेंटल प्रोसेस है  ओर कभी कभी पैदा होने का अपराध अक्षम्य होता .है  .
उस एरिया मे कई वर्षो से एक एन .जी .ओ संस्था चला रही मनीषा जी 
बताती है 
बच्ची का नाम सोनिया है "पोसिटिव "है   ४ महीने पहले ही  उसकी .माँ   एड्स की भेट चढी है ,फिलहाल बाकी तमाम सेक्स वोर्कर इसे पाल रही है .माँ  के डाइग्नोसिस   के बाद   इसका भी टेस्ट कराया गया .
सोनिया .
अपनी पूजा ख़त्म
..करके मनीषा जी के  पास आयी है  उत्सुकता   भरी  निगाह  बेल्ट   पर  लटके  हुए   मोबाइल  केस  पर .है .जिंदगी की रील में कुछ  रोल की फुटेज किसी एक्स्ट्रा सी होती  है
  तकरीबन  एक  घंटा
  एक्सामिन का दौर  चला है कि  बाहर शोर गुल हुआ .है तकरीबन 40-5-५० लोग .है . बदन पे    सफ़ेद कुरता पजामा .गले में सोने की  मोटी चैन   रुद्राक्ष  की माला से गुंथी हुई है .भारी भरकम  शरीर .सबसे आगे वही है  शायद उनके लीडर.
..".कंडोम नही बांटने का  मुफ्त ' मे इलाज मिलेगा तो ओर धंधा करेंगी ''
 पीछे दर्जनों हँसते लड़के है .आँखों   में एक्स-  रे  लिए  ,कई जोड़ी निगाहें  नारे लगाती  आवाजे .
  लीडर की  आवाज फिर बुलंद होती है " हमे इन्हे शहर से बाहर निकालना है ओर यहाँ कंडोम  बंट  रहे है .....'
  किसी  ने  पास  की  पुलिस  चौकी  को  इत्तिला  दी  है  ,पोलिस वाले आ गए है .एक  हवलदार हमसे सामान समेटने को कहता है.
'आप लोग निकलिये साहेब '....एक सिपाही  हमे इशारा  करता है
आनन -फानन मे समान समेटा गया .है .वैन मे चढ़ते वक़्त पीछे मुड़ कर  .देखता   हूँ .एक ओर भीड़ खड़ी  है .दूसरी ओर मनीषा बेन का हाथ थामे सोनिया .अपनी दूसरी बंद मुट्ठी में फूल लिए .
साल २०००  नेशनल एड्स कंट्रोल  सोसायटी  (नाको) ,ब्रिटिश गवर्मेंट ओर गुजरात सरकार के साझा प्रयास से  एच  आई .वी के  लिए  चले   प्रोजेक्ट फॉर सेक्सुअल हैल्थ " जिसमे कई N.G.O भी  जुड़े  उसी दौरान  हुए  कुछ  अनुभवों में  से   एक !

किसी पगले कवि ने पुजारी को “धार्मिक दिहाड़ी मजदूर “कहा है...मेरा   ओर्थोपेडिक दोस्त  अक्सर बहक कर अकेले में   हमारे तबके को" पॉलिश्ड कमीनो   की जमात " कहता है भरे पेट की थ्योरी अलग होती है ”.हम साले  स्वेच्छा से हिप्नोटाइज लोगो का समूह है “. डिक्शनरी ऐसे शब्द एक्सेप्ट नहीं करती .ये "ऑफ दी  रिकोर्ड". शब्द  है .वैसी आधी दुनिया ऑफ दी रिकोर्ड ही चलती है नैतिकता का मेनिफेस्टो ऐसा ही है .कोई भी इसे हाइजेक कर सकता है  .यू भी  कृत्रिम नैतिकताओं" के डाइमेंशन  बड़े फ्लेक्सेबल है .किस दरो-दीवार की ऊंचाई कितनी रखनी है कब किसको खींच कर  बड़ा करना है .   सारे ऑप्शन   खुले   है !


LinkWithin

Related Posts with Thumbnails