सुबह सुबह जब उस हॉस्पिटल से एक रेफ़रन्स देखकर बाहर निकला तो कोरिडोर में ही कुछ भीड़ है ,भीड़ के बीच एक ३५ साल का गेहुये रंग का आदमी है ...मझोले सा कद ,बिखरे बाल ,हाथ में कुछ फाइल
तुम जानते नही मै कौन हूँ....मेनका गांधी की संस्था की कार्यकर्ता हूँ ..एक फोन घुमायूंगी तो मुश्किल में पड़ जायोगे तकरीबन ४० साल की औरत थी.....छोटे से बच्चे को रौंद देते तुम.....पूरी मोटरसाइकिल टूट गयी है
मेरा फोन बजता है ,मै उठाता हूँ पर मेरा ध्यान फोन में नही है ...वो आदमी अपने माथे का पसीना पोच रहा है..."देखिये बहन जी मै तो २५ की स्पीड से चल रहा था ,उसने पीछे से टक्कर मारी ...फ़िर रिक्शे से उलझ कर गिरा है '
भीड़ में करीब साथ -आठ लोग है ,इस भीड़ का कोई चेहरा नही है.... "अजी साहब गाड़ी चला रहे हो तो कोई अंधेर गर्दी है ...उनमे से एक बोला
"भैय्या गाड़ी में बैठकर तो हर आदमी यूँ सोच्चे की दूसरे की तो कोई कीमत नही ..हवा में उडे है ! एक ओर जुमला
मोटरसाइकिल का नुक्सान हो गया ,अस्पताल का बिल है ....वो औरत हाथ में मोबाइल से कोई नंबर डायल करते हुए बुदबदाती है
"अस्पताल वालो से मैंने कह दिया है .. बिल के लिए "मझोले कद वाला धीमे से कहता है....
अजी तो कोई अहसान कर दिया ?भीड़ से फ़िर एक जुमला निकलता है ....वो अपने माथे से पसीना पूछ रहा है ..की अचानक मेरे कंधे पर हाथ पड़ता है डॉ नवनीत है ",आ तुझे चाय पिलाता हूँ... मै कुछ हाँ या न का जवाब दूँ उससे पहले ही वे मेरा हाथ पकड़ कर डॉ रूम में ले चले ..तभी पीछे से आवाज आयी "डॉ साहब सी .टी .स्केन की जरुरत तो नही है ?
वही औरत है "अरे नही आपका बच्चा बिल्कुल ठीक है ,सर पे थोडी सी खरोच है ...हाथ में घिसट आयी है बस ..पट्टी कर दी है ,आप चाहे तो ले जा सकती है "
डॉ नवनीत मुझे पकड़ कर डॉ रूम में ले चले
क्या किस्सा है ?मैंने पूछा
कुछ नही ! एक एक्सीडेंट केस है ,एक लड़के को गाड़ी की साइड से हल्का सा धक्का लगा है ,मोटरसाइकिल स्लिप हो गई हालांकि लगता ऐसा है इस लड़के ने साइड से तेजी से निकलने की कोशिश की है...फ़िर एक रिक्शा वाले से टकरा गया .. . दोनों गिर पड़े ..गाड़ी वाला बेचारा उसे यहाँ ले आया भला मानसत में ...लड़के को मामूली सी चोट है
चाय के कुछ पल गुजरे ही थे की दरवाजे पर क्नोक हुआ ....वही मझोले कद वाला आदमी
चेहरे पर बैचेनी.... डॉ साहब ! आपको जो ठीक लगे करियेगा ..बिल का पेमेंट मुझसे ही कहियेगा अगर सी .टी .स्केन की जरुरत समझे तो ?
अरे नही ....निश्चित रहिये .सब ठीक है.........डॉ नवनीत उनसे कहते है ...
उसके चेहरे पर अब भी बैचेनी है.. डॉ नवनीत उसे बैठने को कहते है .कोई ओर दिक्कत है ?वे उससे पूछते है
"एक फेवर चाहिए आपसे "?वो हिचकिचाता है
कहिये ?
वो रिक्शे वाला मुझे नही मिल रहा है ,उसको भी थोडी चोट आयी थी यही कुछ पट्टी हुई है उसकी ,उसका एक टायर पूरा मुड गया था ..उसको अगर कुछ पैसे दे देता .... ?