2008-12-14

अपनी -अपनी स्वीकृतिया .....


लिव- इन रिलेशन शिप को दाखिल हुए कई साल हो गये है .....नए जमाने की इमरजेंसी कांट्रासेप्टिव पिल भी है, 3 जी टेक्नोलोजी लांच हो चुकी है .... चंडीगढ़ की उस बिल्डिंग के बाहर लम्बी कतारों में लड़के लड़किया एम् टीवी के रोडीस के अगले संस्करण के लिए होने वाले इंटरव्यू के लिए खड़े है...जिसमे " वर्जिनिटी खोने के अनुभव से जुड़े सवाल है... फक यू" संवाद में दोहराया गया एक शब्द भर .... अपने पिता से लड़कर आया हुआ वो लड़का भद्दी गलिया ...ओर अपने व्यक्तित्व पर तल्ख़ व्यंग्य सर झुका कर सुनता है...फ़िर बाहर आकर फीकी हँसी हँसता है...उसे अपने इंटरव्यू के ख़राब होने का अफ़सोस है...पर वो कहता है अगले ओडिशन में जो किसी दूसरे शहर में है वो अपनी मोटरसाइकिल से जायेगा....
अपनी सफलता का श्रेय अपने नाम की स्पेलिंग में जुड़े एक ओर "आई "को देता वो अभिनेता है ओर उसे मन्त्र-मुग्ध सुनती टी.वी एंकर ....ये महत्व्कान्शाओ की लडाई है जो मंजिलो का फासला महीनो ...घंटो में तय करना चाहती है ..,जिसके अपने चरित्र है.....अपने तर्क है.... अपने अपने हस्तक्षेप है .जहाँ वे आप से बड़ी है ...समझौतों का गणित अब ओर जटिल हो गया है..... ख्वाहिशे वर्षो के बीच इस कदर उकडूं होकर बैठी है की..... बचपन की उम्र छोटी हो रही है ..... जमीर खेल के मैदानों में छूटने लगा है ....या अब दूसरी शक्ल इख्तियार करने लगा है.....
उस रेड लाईट के उस पार खड़े घोडे- टाँगे पर रखे सिलंडर ओर घोडे को हांकता वो सूखे चेहरे वाला बूढा...सूरज ठीक उसके कंधे पर डूब रहा है ...जैसे पूरा दिन ढोया है उसने ..... मुझे अर्जुन सेन गुप्ता की अपने आंकडे देती एक रिपोर्ट याद आती है...२००४ में इस देश में ४ अरबपति थे ....अब बढ़कर छप्पन हो गये है .करीना ऍफ़ एम् में चिल्ला कर कह रही है "तू साला काम से गया "



आज की त्रिवेणी--------- ख़त

देर सवेर मां की दुआये किसी कोने पर पड़ी मिल जाती थी
पोस्टमन घंटी बजाता गली से गुजरा तो जाने क्यों दिल भर आया ..........

मुआ मोबाइल का एस.एम् .एस सिर्फ़ गिनी चुनी बात करता है


चलते चलते ...संसद पर हमले में शहीद एक जवान के परिवार को पेट्रोल पम्प के वादे के लिए अब भी उतराखंड सरकार ओर केन्द्र सरकार के दफ्तरों में हाजिरी लगानी पड़ रही है.....शायद अब शहीदों का भी बँटवारा होगा .

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