2008-07-17

रिश्ता ??


एडीयो से उचककर
जब तुमने
उस रिश्ते के लबो पर
अपने होठ रखे थे,
उफक का सूरज
सुर्ख़ हो कर भभका था,
पिघली आग फैल गयी थी.
इक छोर से जिस्म के....
रूह के मुहाने तक

इक लौ सी फड्फडाती है वक़्त के सफ्हो मे कही.......

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