2012-03-06

नोटबुक !!

  • दिसंबर की उस सर्द रात  बिस्तर पर उसके बाजू में  लेटा उसका नन्हा अचानक उससे पूछता है "ऊपर भगवान् जी  के पास डार्क ग्रे रजाई है पापा ! "
 वो किसी किताब से बाहर निकलता है  "डार्क ग्रे " ?
"तभी तो वो किसी को नहीं दिखती" छोटा धीमे से फुसफुसाता है . 
बचपन का ईश्वर स्कूल में भी रहता है ! 
  •  लिखना दरअसल अपने आप  को एक्सटेंड करने जैसा है . १२ साल की उम्र से ३५ के बीच कही भी आसानी से दौड़ा  जा सकता है .बिना गिरने का डर लिए .लिखना दरअसल  दोबारा कुछ रास्तो पर गुजरना है. कुछ  किवाड़ो को खोलना . 
  • अपने को सुनने का वक़्त दुनिया के सबसे अच्छे वक्तो में से एक है !
  • भी कभी उबता है वो भी इस सड़क से ,अपने ऑफिस से , अपनी रेसेप्शिनिस्ट से , ,चिल्लाते  रेडियो जौकी से ,अखबार  के खेल पन्ने से ,सेमिनारो में फलसफा पढ़ते बुजुर्गवारो से . क्या उबता होगा प्रेम गीत लिखने वाला लिरिस्ट भी कभी प्रेम से ? पुजारी भी ईश्वर से ? माली भी गुलाब से ? परिंदे भी आसमान से ? कोई पुराना मकान किसी गली से ? सन्यासी  संन्यास से ? 
  • दुःख की तरह  सुख के  भी अब स्थानीय  ध्रुव  है  !
  •  पार्क की  बेंच पर खामोश बैठा वो बुजुर्ग  आज उदास है .रोज  कबूतरों को दाना डालने वाला वो शख्स  कभी दाना बेचने वाले बच्चे से मौल- भाव नहीं करता . जीवन के कुछ  सन्दर्भ तात्कालिकता से उपजते है .बच्चो की अपनी दुनिया है , उनकी दुनिया में चहलकदमी सामान्य नहीं होती . . आधुनिक  दुनिया की  भी अपनी रूढिया है .आधी उम्र के बाद अपने जीवन साथी को खोना ज्यादा तकलीफ देह है. कोई  योग कोई एलोपैथी  अपनी  संवेदना को बचाये  रखने की "एकसरसाइज़" नहीं खोज पाया है .

दुनिया के एक हिस्से में  जीवन भी एक भौतिक क्रिया  है !
  • ब प्रेमिकाए एक सी नहीं होती . सब चोकलेट  कुतर कुतर कर नहीं खाती ,सबको गुलाब पसंद नहीं होते  ,सब बाल खुले रखकर  सुन्दर नहीं लगती  .सबसे प्यार करने के बाद आप में ओर प्यार नहीं जागता  .(सब प्रेमिकाए नहीं डरती कोकरोच से ,सब नहीं पढ़ती वुमेन मैगज़ीन ,सब नहीं जाती अवसाद में ब्रेक अप के बाद ,सब का फेवरेट नहीं होता पिंक कलर ,सबके लिए नहीं होता प्रेम पहला ओर आखिरी.)
 .रूमानी दुनिया की भी अपनी संकीर्णताये  है

  • रम्भ ओर अंत के बीच कुछ चीजों का उपस्थित होना  अनिवार्य नहीं है  .जीवन ओर म्रत्यु के बीच  एक चीज़ ओर  है जिसका जिक्र किसी किताब में नहीं है . आई. सी. यू !  जहाँ  हर बेड के साथ एक कागज अटेच्ड है .  बेड नंबर एक ग्यारह लाख , बेड नंबर दो पंद्रह लाख  बेड नंबर सिक्स बाईस लाख . पैसे  अपने साथ  इतिहास नहीं लाते  ,ना उपजी परिस्थितिया !    अकाउंट डिपार्टमेंट का कंप्यूटर   बेड  नंबर सिक्स की गाँव की बिकी जमीन को बिल की रिसिप्ट  में दर्ज नहीं करेगा   . अस्पताल के बीचो बीच एक मंदिर भी है 
  •  ईश्वर का भी ट्रांसफर होता है !

 यदि ज्ञान देता  मनुष्यत्व  तो / बुद्धिमानो  में नहीं  होता  "इगो " ./ सुखो के नहीं होते पाले / दुःख होते स्मृतिहीन / पृथ्वी नहीं बदलती भूगोल अपना / रोज  नहीं उगते  निजी  ईश्वर / बढ़ते नाखूनों की तरह रोज बढ़ता प्रेम / तुम जब लिखते  कविता / वो नहीं सहेजता दिन भर  भूख.

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