ख़ूबसूरत नज़्म
तोतले हर्फो से बदलता है
हर लफ्ज़ के माने,
खीच कर लाता है
कई सोयी हुई ख़वाहिशे
ओर जगा कर उन्हें
उडेल देता है
वक़्त के सफ्हे पर
रात को लौटकर जाता हूँ जब मै .......
जहा-तहाँ बिखरी रहती है
बेतरतीब सी
कुछ मुस्कराती ,
कुछ रूठी
कुछ शिकायती नzमे
ओर
उन नzमो के बीच
घुटने मोड़
थका हुआ सो रहा होता है
मेरा नन्हा शायर
पिछले दो दिनों से मेरे छोटू को "चिकन पोक्स "निकल आया है,ये चिकन पोक्स क्या होता hai पापा ? वाही जों होम होम अलोन मे उस बच्चे को हुआ था ,अच्छा मेरा छोटू समझ जाता है ,उसके ४ साल के कोल्लेक्शन मे बहुत मूवी है ,जिन्हें न जाने ढेरों बार ,अनेको बार मैं भी देख चुका हूँ ओर सच बताऊँ तो कई बार मैं भी बेहद दिलचस्पी से उन्हें देखता हूँ...ओर हैरान होता हूँ बनने वाले की कल्पना शीलता का ,निमो.....एक ऐसी मूवी है जिसका एक एक dialogue मुझे याद है ,ice-age के दोनों पार्ट मैं मजे से देखता हूँ, ओर न जाने कितनी .."आपके पास बचपन मे कितनी cd थी पापा?'देर रात उसे नींद नही आ रही थी तब उसने ये सवाल पूछा ? मैं झूठ मूठ कुछ नम्बर बताता हूँ ....उसे नही कह सकता की बेटे तेरे बाप ने cd प्लेयर २४ साल की उम्र मे आकर देखा है ...तब तो हमारे पापा भी कट्टर आर्यसमाजी होने के कारण ओर कुछ आत्मनिर्भर होने की वजह से अनुशासन प्रिय थी ,ओर जब मैथ्स पड़ने बैठते थे हम बिना पिटे नही उठते थे .शायद इसी कारण से हमने मैथ्स से खुन्नस निकलते हुए एक उम्र मे जाकर biology ले ली....ओर पढते- पढते जब देर रात हो जाती ,हम चोक से दरवाजे पर लिखते की हम फलां बजे सोये है तो फलां बजे तक न उठाना ,..हमारी माँ बेचारी झगड़ती रह जाती पर पापा हमारे किसी न किसी बहाने कोई शोर वाला काम करके मुझे उठा ही देते .....तब बहुत झुंझलाहट होती थी अलबत्ता बाद मे लगा की ये सब जरूरी था .....हमे उस वक़्त केवल चित्रहार देखने की आजादी थी ,ओर रविवार की सुबह रंगोली ओर महाभारत ...हाँ किताबे पढने के लिए कभी नही रोका ,अलबत्ता माँ चलते वक़्त जेब मे कुछ ओर पैसे डाल देती की वो पैसे तो तू किताबो मे खर्च कर देगा इससे खा लेना ... दुनिया के सारे बच्चे चद्दर नही ओढ़ते ,दूध नही पीते ,ओर बहुत सारे सवाल पूछते है .....अहमद फराज की एक नज़मो की किताब मुझे मेरे दोस्त ने गिफ्ट की है . उसके बाबा उसे देखने आए है उसके लिए वो कोई सी .डी लेकर आए है "बड़े होने पर किताबे गिफ्ट मे मिलती है ?वो उनसे सवाल पूछता है ....वो उसे कोई गोलमोल सा जवाब देते है .....उसके "सुबह इसे जल्दी मत उठाना ।देर तक सोने देना "पापा मुझसे कहते है .....पापा भी बदल गए है मैं सोचता हूँ...