अब भी जब घर मे क्रिकेट का मैच देखता हूँ तो कई बार आज भी सीटी बजाता हूँ ,मेरा बेटा हैरान हो कर मुझ से इसकी कई बार दुबारा भी फरमाइश करता है ,होस्टल के दिनों मे क्रिकेट मैच एक समारोह की तरह होता था ,जिसमे बाकायदा कोई खास मैच शुरू होने से पहले टी.वी की बाकायदा पूजा भी की जाती थी ओर आगे की सीट के लिए पहले से लम्बी वेटिंग लगती थी ,हर रन पर तालिया ओर सीतिया बजती थी ओर हर विकेट पर जश्न होता था ,किसी मैच को जीतने के बाद बाकायदा जलूस निकलता था ओर देशभक्ति के जोर जोर से नारे गूंजते थे ,सचिन तब भी हमारे भगवान् हुआ करते थे .ओर चलते मैच के दौरान किसी नाजुक स्थिति मे सारे टोटके आजमाये जाते थे ,बाथरूम जाने वाले को भी अपनी सीट से उठने की मनाही थी .
पर कुछ क्रिकेट मैच अलग ही होते है उनमे से एक मैच ये भी था ,बात “फोरेंसिक- MEDICINE” के exam के viva की है। हमारे head एक south Indian थे क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और बाहर से आने वाले examiner भी …उस दिन सूरत मे खूब बारिश हो रही थी… ओर “INDO-PAK SERIES ‘ का एक दिवसीय मैच भी ।बारिश की वजह से लाइट नही आ रही थी । हम अन्दर दाखिल हुए तो तो एक ‘RADIO’ धीमी आवाज मे मैच का आंखो देखा हाल बयान कर रहा था . उन्होंने हमारे अप्रोन पर टंगी हमारी “name plate” पर सरसरी निगाह डाली ओर फ़िर कहा ‘DEFINE POISON’ हम रटे –रटाये संवाद की तरह शुरू हुए “poison is a substance……॥
रेडियो पर जोर की अस्पष्ट आवाज़ हुई "क्या हुआ ?"
हिन्दुस्तानी रेडिओ नाजुक मौके पे ख़ास खर खर किस्म की आवाजे सुनाते है उन दोनों महानुभावो ने अपनी गर्दन का डायरेक्शन चेंज किया .कोई चोका लगा था .अजहर ने मारा था यूं तो हम भी बहुत बड़े क्रिकेट के शौकीन है पर उस रोज हमारा ध्यान कही ओर था दोनों फ़िर मुड़े
" हाँ बतायो "
मैं फ़िर शुरू हुआ ”poison is a……….फ़िर तेज शोर गुल . रेडियो कुछ disturb सा हुआ . हमारे सर कुछ बैचैन से हुए ,बुन्दू ने ने आँख का इशारा समझा ओर रेडियो के कान उमेठे .भाग कर 2 रन लिए गए थे दोनों के चेहरे पर एक तस्सली सी आई एक बार फ़िर .हम फ़िर शुरू हुए "poison is a substance…"
जोरदार अपील .LBW ? अजहर के लिए.
हमे काटो तो खून नही , ये मैच पाकिस्तान मे हो रहा था ,ओर वहां तो अपील से पहले ही umpire हाथ उठा देंते है .हमने मन ही मन भगवान -अल्लाह दोनों से दुआ की . हमारी प्राथना स्वीकार हुई .यदपि हम घोर नास्तिक ओर आर्यसमाजी पृष्ट-भूमि परिवार से नाता रखते है (ये बात ओर है की हमने उसके कई नियमो को माना नहीं ) लब्बे- लुआब ये के अजहर को आउट नही दिया गया ओर हम भी आउट होने से बच गए , आज भी अगर कोई सोते सोते हमसे poison की परिभाषा पूछेगा तो हम उसे बता सकते है ॥
अमूमन एक्साम के viva से जब पहला शख्स बाहर निकलता है तो उस पर कई सवालिया निगाहे होती है ,जो धीरे धीरे एक घेरे के रूप मे तब्दील हो जाती है ओर फिर बाहर निकला शख्स अपने तजुर्बे सुनाता है .उसमे कितना सच ओर कितना झूठ होता है ये अलबत्ता बहस का विषय है वैसे एक्जाम के मुताल्लिक ओर कुछ निर्देश भी होते है की आप बाहर निकलते ही सीधे उस दायरे से बाहर चले जायेंगे .हम बाहर निकले ओर खुशी मे ही डांस की मुद्रा शुरू की कुछ ठुमके ही लगाये थे की एक पोज़ मे पीछे मुड़े तो हमारे सुब्रह्मान्यम सर पीछे खड़े थे
"ऐ लड़के क्या करता है ?".
“सॉरी सर -सॉरी सर “ कहते हम सरपट दौड़ लिए.
पर कुछ क्रिकेट मैच अलग ही होते है उनमे से एक मैच ये भी था ,बात “फोरेंसिक- MEDICINE” के exam के viva की है। हमारे head एक south Indian थे क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और बाहर से आने वाले examiner भी …उस दिन सूरत मे खूब बारिश हो रही थी… ओर “INDO-PAK SERIES ‘ का एक दिवसीय मैच भी ।बारिश की वजह से लाइट नही आ रही थी । हम अन्दर दाखिल हुए तो तो एक ‘RADIO’ धीमी आवाज मे मैच का आंखो देखा हाल बयान कर रहा था . उन्होंने हमारे अप्रोन पर टंगी हमारी “name plate” पर सरसरी निगाह डाली ओर फ़िर कहा ‘DEFINE POISON’ हम रटे –रटाये संवाद की तरह शुरू हुए “poison is a substance……॥
रेडियो पर जोर की अस्पष्ट आवाज़ हुई "क्या हुआ ?"
हिन्दुस्तानी रेडिओ नाजुक मौके पे ख़ास खर खर किस्म की आवाजे सुनाते है उन दोनों महानुभावो ने अपनी गर्दन का डायरेक्शन चेंज किया .कोई चोका लगा था .अजहर ने मारा था यूं तो हम भी बहुत बड़े क्रिकेट के शौकीन है पर उस रोज हमारा ध्यान कही ओर था दोनों फ़िर मुड़े
" हाँ बतायो "
मैं फ़िर शुरू हुआ ”poison is a……….फ़िर तेज शोर गुल . रेडियो कुछ disturb सा हुआ . हमारे सर कुछ बैचैन से हुए ,बुन्दू ने ने आँख का इशारा समझा ओर रेडियो के कान उमेठे .भाग कर 2 रन लिए गए थे दोनों के चेहरे पर एक तस्सली सी आई एक बार फ़िर .हम फ़िर शुरू हुए "poison is a substance…"
जोरदार अपील .LBW ? अजहर के लिए.
हमे काटो तो खून नही , ये मैच पाकिस्तान मे हो रहा था ,ओर वहां तो अपील से पहले ही umpire हाथ उठा देंते है .हमने मन ही मन भगवान -अल्लाह दोनों से दुआ की . हमारी प्राथना स्वीकार हुई .यदपि हम घोर नास्तिक ओर आर्यसमाजी पृष्ट-भूमि परिवार से नाता रखते है (ये बात ओर है की हमने उसके कई नियमो को माना नहीं ) लब्बे- लुआब ये के अजहर को आउट नही दिया गया ओर हम भी आउट होने से बच गए , आज भी अगर कोई सोते सोते हमसे poison की परिभाषा पूछेगा तो हम उसे बता सकते है ॥
अमूमन एक्साम के viva से जब पहला शख्स बाहर निकलता है तो उस पर कई सवालिया निगाहे होती है ,जो धीरे धीरे एक घेरे के रूप मे तब्दील हो जाती है ओर फिर बाहर निकला शख्स अपने तजुर्बे सुनाता है .उसमे कितना सच ओर कितना झूठ होता है ये अलबत्ता बहस का विषय है वैसे एक्जाम के मुताल्लिक ओर कुछ निर्देश भी होते है की आप बाहर निकलते ही सीधे उस दायरे से बाहर चले जायेंगे .हम बाहर निकले ओर खुशी मे ही डांस की मुद्रा शुरू की कुछ ठुमके ही लगाये थे की एक पोज़ मे पीछे मुड़े तो हमारे सुब्रह्मान्यम सर पीछे खड़े थे
"ऐ लड़के क्या करता है ?".
“सॉरी सर -सॉरी सर “ कहते हम सरपट दौड़ लिए.