2008-07-09

वो एक लम्हा जो गिराया है तुमने ......


बारिशे नही बदली ..जिंदगी बदल रही है ,फलसफे भी ,रिश्ते भी पर ये अब भी वैसी है ,मुस्कराती ..बूँद दर बूँद ढेरो लम्हे गिराती यहाँ वहां ....
पोलियो के लिये हम दोनों की ड्यूटी लगायी गई थी intrenship में थे इसलिए अनमने मन से गये,सोचा की दोनों दोस्त साथ में है इसलिए वक़्त कट जायेगा,एक वोर्केर के साथ बच्चो को पोलियो ड्राप पिलवानी थी ,यदि किसी की कोई शंका हो तो उसे मोटिवेट करना था ,यानि की बड़ा बोरिंग काम था ..एक कालोनी के एक कोने में हमें जगह मिली ,दोनों दोस्तों ने अनमने ढंग से घड़ी देखकर काम शुरू किया एक प्यारा सा ७-८ साल का बच्चा साईकिल लेकर दवा पीने आया ...कुछ वक़्त गुजरा ..हलकी हलकी बूंदे शुरू हुई ... वही नन्हा अपनी छोटी सी साईकिल पर अपने प्यारे से छोटे भाई को पीछे वाले स्टेंड पर बिठाकर आया ...."डॉ साहेब इसको भी दवा पिलाईये ."..एक बादल बड़े जोर से गरजा ऐसा लगा जैसे इस खूबसूरत लम्हे की आसमान ने फोटो ली हो..... ,कल से बारिश खूब हो रही है ...पर ये बादल कभी कभी ये बेवफाई भी कर जाते है.....


उमस भरी दोपहरी में
बादल का एक टुकडा
पड़ोसी की छत भिगो गया .......

अजीब बेवफाई है.?


.

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails