गांधी के पूर्णता शराब बंद राज्य के उस शहर के एक कोने में स्थित उस होस्टल में उस रात ये "एक्सीडेंटल डिस्कवरी "हुई .पहला जाम अभी पुरा हुआ नही था ..जगजीत सिंह की अभी केवल दो गजले हुई थी की अचानक "माइक "के शरीर में चीटिया सी रेंगनी शुरू हुई ..फ़िर चेहरा लाल ,ओर शरीर पर तमाम तरह की आकृतिया बनने लगी ..फ़ौरन रात के उस पहर में मोटरसाइकिल निकाली गई ओर स्किन डिपार्टमेन्ट के रेसिडेंट की तलाश शुरू हुई ,समस्या ये थी की उस हालात में जब बीमार भी पिए हुए हो ओर तीमारदार भी तो इस शर्मिंदगी को किसी मेल रेसिडेंट के सामने कमतर महसूस किया जा सकता था ओर डिपार्टमेन्ट में केवल 4 मेल रेसिडेंट थे दो उसमे लोकालाईट थे ,ओर बाकी बचे दो में से एक साहब अपने पैतृक घर गए हुए थे .बचे एकमात्र रेसिडेंट के बारे में विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ के वे किसी पिक्चर हाल में रात्री सिनेमा का आनंद ले रहे है. मोटरसाइकिल का रुख सिनेमा हॉल की तरफ़ मोड़ दिया गया ...पिक्चर थी मणि रत्नम की बॉम्बे .दो लोग अन्दर घुसे किसी तरह (कैसे लाये ये आज तक रहस्य है ओर होस्टल में इसके बारे में तरह तरह की किदवंतिया है) खैर सिनेमा हाल के एक कोने में माइक के कपड़े उतारे गये वही तुंरत -फुरंत उन्हें "एडलट्रेटेड अल्कोहल "(देसी भाषा में बोले तो मिलावटी शराब )से एलर्जी -ग्रस्त घोषित किया गया .
उसके बाद सोते ,उंघते ,या लाइब्रेरी में किताबो से जूझते माइक तो तीनो बोयस होस्टल में होने वाली किसी भी पार्टी के लिए उठा लिया जाता .पहला जाम उन्हें पेश होता , फ़िर अगले 15 मिनटों का लंबा इंतज़ार उनके शरीर के कपड़े उतारकर गहरा परिक्षण होता . कही कोई निशाँ नही दिखता तो पार्टी का बिगुल बजता .
किसी आपातकालीन स्थिति के लिए लोग डेक्सोना ओर एविल के इंजेक्शन कमरे में रखते ,साथ ही स्किन डिपार्टमेन्ट के रेसिडेंट का उस रात का आगामी प्रोग्राम भी (उन दिनों मोबाइल जैसी चीजे आयी नही थी )
इस एलर्जी से हुए इन दुषपरिणामो से हताश ओर निराश होकर माइक ने दबंगों की शरण ली,आखिरकार इस समस्या से निबटने के लिए सभी होस्टल की एक सर्वदलीय बैठक हुई . जिसमे सर्व सम्मति से ये निर्णय लिया गया की माइक केवल अपनी इच्छानुसार किसी भी पार्टी का आमंत्रण स्वीकार करेगे ओर उनकी सहूलियत के लिए सुबह ही होस्टल नोटिस बोर्ड पर नोटिस लगा दिया जायेगा की आज फलां बजे पार्टी है.
बाद के सालो में हमने स्किन डिपार्टमेन्ट ज्वाइन किया (तब तक मोबाइल आ चुका था ) खुशकिस्मती से हमने कई रात्रीकालीन शो निर्विरोध देखे ..ओर माइक के साथ हमने भी पी तब तक शायद मिलावट करने वालो का स्टेंडर्ड उठ गया था या उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता .
..ओर भारत ने मोहाली टेस्ट जीत लिया है ...चियर्स
उसके बाद सोते ,उंघते ,या लाइब्रेरी में किताबो से जूझते माइक तो तीनो बोयस होस्टल में होने वाली किसी भी पार्टी के लिए उठा लिया जाता .पहला जाम उन्हें पेश होता , फ़िर अगले 15 मिनटों का लंबा इंतज़ार उनके शरीर के कपड़े उतारकर गहरा परिक्षण होता . कही कोई निशाँ नही दिखता तो पार्टी का बिगुल बजता .
किसी आपातकालीन स्थिति के लिए लोग डेक्सोना ओर एविल के इंजेक्शन कमरे में रखते ,साथ ही स्किन डिपार्टमेन्ट के रेसिडेंट का उस रात का आगामी प्रोग्राम भी (उन दिनों मोबाइल जैसी चीजे आयी नही थी )
इस एलर्जी से हुए इन दुषपरिणामो से हताश ओर निराश होकर माइक ने दबंगों की शरण ली,आखिरकार इस समस्या से निबटने के लिए सभी होस्टल की एक सर्वदलीय बैठक हुई . जिसमे सर्व सम्मति से ये निर्णय लिया गया की माइक केवल अपनी इच्छानुसार किसी भी पार्टी का आमंत्रण स्वीकार करेगे ओर उनकी सहूलियत के लिए सुबह ही होस्टल नोटिस बोर्ड पर नोटिस लगा दिया जायेगा की आज फलां बजे पार्टी है.
बाद के सालो में हमने स्किन डिपार्टमेन्ट ज्वाइन किया (तब तक मोबाइल आ चुका था ) खुशकिस्मती से हमने कई रात्रीकालीन शो निर्विरोध देखे ..ओर माइक के साथ हमने भी पी तब तक शायद मिलावट करने वालो का स्टेंडर्ड उठ गया था या उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता .
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आज की त्रिवेणी रात भर तारो की बेवफ़ाई पर बड़बड़ाया है तुम उठाकर इसको आसमान मे टांग देना ....... चाँद कल पी कर गिर पड़ा था आँगन मे |