2008-11-03

बीच सड़क से .......

सुबह गाड़ी बाहर निकालने के लिए गेट खोलता हूँ तो गली में साइकिल पर बैठा आदमी जोर जोर से चिल्ला रहा है जोडो के दर्द ,कमर दर्द ओर पैरो की सूजन के इलाज़ का मर्ज बेच रहा है ,उसके कंधे पर एक झोला है ..इस "मोबाइल डॉ "के दर्शन पर मै मुस्करा उठता हूँ ..किसी भी प्रकार की खुजली ....एक्जीमा ...उसका विज्ञापन जारी है...अरे साला ये तो मेरे पेट पर भी लात मार रहा है .... बीच सड़क पर आते ही आपकी आज़माइश शुरू हो जाती है अपने ठिकाने तक पहुँचते पहुँचते आपके धेर्य की अनेको परीक्षाये हो चुकी होती है. ट्राफ़िक सिग्नल पर कोई रुकने को तैयार नही है, क्रॉसिंग पर आप लाइन मे गाड़ी मे खड़े है, एक महाशय लंबी चौडी गाड़ी लेकर तिरछी कर खड़ी कर देती है, बाक़ी ट्राफ़िक गया भाड़ मे, कोई ट्रक सड़क पर मूड रहा है, उसका हेलपर हाथ देकर रुकने का इशारा कर रहा है की कुछ मोटर साइकल वाले उसकी साइड से निकल कर भागे जा रहे है, ...सड़क के कोने पर एक लड़की जींस ओर टी शर्ट पहन कर सिमटी सिमटी सी जा रही है .. कोने पर खड़ा पेटू पुलिस वाला भी ओर लोगो की तरह उसे घूर रहा है ...उसके ठीक पीछे बोर्ड लगा है .उत्तर प्रदेश सदैव आपकी सहायता के लिए तत्पर -सौजन्य से कविता साडी ...
सोचता हूँ चरित्र प्रमाण पत्र हर महीने में रिवीयू होना चाहिये..केवल नौकरी में दाखिले के वक़्त ही इस देश में चरित्र की जरुरत समझी जाती है ..... एक साहब गाड़ी बीच सड़क मे खड़ी करके अपने दोस्त से बतिया रहे है ओर हॉर्न देने पर ऐसे घूरते है जैसे मैग्राथ चोका पड़ने पर बेट्समेन को घूरता है. .....आगे बढ़ता हूँ ....पेट्रोल पम्प जाने के लिए एक गली से मूडना पड़ेगा तो पूरी गली मे तंबू तना हुआ है की आज जागरण है.उनकी भक्ति महान है.पेट्रोल पम्प पर पहुँच गया हूँ.....मेरे आगे एक मोटर साइकिल है ...दस रुपया का ? पेट्रोल पम्प का सेल्समेन इतनी हैरानी से बोलता है .की बेचारे लड़के शरमा जाते है .उनकी उम्र १९-२० साल है ...पेट्रोल भरवाते भरवाते भी दस रुपये मेरे दिमाग में घूम रहे है ...
जब चलते चलते अचानक जोरदार झटके लगने शुरू हो जाते....कुछ फासला खींच कर वो बीच सड़क में घोडे के हिनहिनाने जैसी आवाज के साथ बंद होती ...पीछे बैठने वाला सिर्फ़ एक सवाल पूछता जिसका जवाब उसे मालूम होता ,..पेट्रोल ?वो सर खुजाते हुए कहता भूल गया. .उसकी याददाश्त कई सालो तक ऐसी ही रही .....फ़िर पूरी मोटरसाइकिल को सड़क पर लिटाया जाता ,हिलाया डुलाया जाता फ़िर ,सीधी करने के बाद वो हिनहिना कर स्टार्ट हो जाती .. कुछ फासलों के बाद अगर पेट्रोल पम्प दूर तक नजर नही आता ....तो फेफडो में हवा भर कर पूरी ताकत से पेट्रोल की टंकी में हवा भरी जाती .बरसो ये सिलसिला चला , कही किसी पार्टी में जाना हो या मूवी देखने आप सड़क पर एक बार ज़रूर हिनहिना कर रुकेगे . सबसे कमाल की बात तो यह होती की आधी रात आप पेट्रोल पम्प वालो से मिन्नतें करके उन्हें नींद से उठाते फ़िर ये महाशय कहते “10 रुपये का डाल दो .उस पर ये चलते चलते कहते पेट्रोलमै सिविल हॉस्पिटल में हूँ कोई काम हो तो बताना . ….सिविल हॉस्पिटल का नाम इस तरह इन्होने कई बार रोशन किया .हम बाकी दोस्तों के पास बाद में यामहा आर एक्स १०० रही ,पर इस होंडा मोटरसाइकिल की वजह से हम सब इन्फीरियरटी काम्प्लेक्स में रहे ....होंडा वालो ने भी दुबारा ऐसी मोटरसाइकिल नही बनायी ...
पीछे हार्न बज रहा है...रेडियो ऍफ़ एम् खोलता हूँ .....बाबा रामदेव ने कैंसर के मरीजो को ठीक करने का दावा किया है...यश को संभालना भी बड़ा मुश्किल है जी.......




आज की त्रिवेणी

कई बार टोका है यूँ बेवक्त
नंगे हाथो माजी न कुरेदा करो.......

कुछ लम्हे बड़ी तेज चुभते है

ओर हाँ आज कुश का जन्मदिन है ...दुआ करे उनको अलादीन का चिराग अनलिमिटिड ख्वाहिशो के पैकेज में मिले ...

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