सुबह सुबह सिगरेट नहीं पीनी चाहिए सीधी फेफड़ो तक जाती है ......वो सुबह सुबह सिगरेट पीते हुए रोज ये बात कहता ....ओर रोज एक सिगरेट पीता ....
जय सर्जरी का रेसिडेंट है.....आल इंडिया इक्जाम क्लियर करके आया है ... मै बतोर इन्टरन हूँ......जय की यूनिट में पोस्टेड...मेरी पहली पोस्टिंग.. ऑफिशियली .हमें मिले हुए तीन दिन ही हुए है ...फिर भी हम दोनों में बनने लगी है ...
.उससे पहले एक बार कुछ घंटे की औपचारिक सी मुलाकात थी ... ....किसी पार्टी में .... हॉस्टल के कमरों की पार्टिया .. ....गांधी के राज्य में एडलट्रेडेट मिलती थी ... या बहुत महंगी ...
साला उस आदमी को नोबेल प्राइज़ मिलना चाहिए जिसने दारु का आविष्कार किया ......सब बायस लोग है प्राइज़ देने वाले ....उसने दूसरा पेग पीने के बाद कहा था .....मुझे वो तभी जंच गया था
.उससे पहले एक बार कुछ घंटे की औपचारिक सी मुलाकात थी ... ....किसी पार्टी में .... हॉस्टल के कमरों की पार्टिया .. ....गांधी के राज्य में एडलट्रेडेट मिलती थी ... या बहुत महंगी ...
साला उस आदमी को नोबेल प्राइज़ मिलना चाहिए जिसने दारु का आविष्कार किया ......सब बायस लोग है प्राइज़ देने वाले ....उसने दूसरा पेग पीने के बाद कहा था .....मुझे वो तभी जंच गया था
उस रोज सिगरेट का कोटा ख़त्म होने पर हम दोनों मोटरसाइकिल पे लेने निकले थे तब उसका कुछ कुछ ओर समझ आया था
भाई मत बोलना ...उसने मोटरसाइकिल पे बैठते ही कहा था ....गुजरात में सीनियर को भाई कहते है
पिता बड़े देशभक्त थे ... किसी बम के नजदीक से फटने पर आर्मी से अपने दोनों कान ख़राब करके आये तो भी जनून जारी था.....जब बड़ा भाई श्रीलंका शांति सेना से बिना पैरो के वापस लौटा ....तो मां ने बगावत कर दी ..हमें साला ये व्हाईट एप्रन बहुत अच्छा लगता था .....सो आ गये....
तेरा कोई है आर्मी में ?
मेरे सर हिलाने पर वो हंसा था ....अपनी जमेगी ..
तेरा कोई है आर्मी में ?
मेरे सर हिलाने पर वो हंसा था ....अपनी जमेगी ..
तीन साल ओर ...बस फिर बाहर की दुनिया से आज़माइश करेगे….. उसने ठंडी सांस ली
अबे सुन तू जिसके साथ केन्टीन में बैठा रहता है वो तेरी गर्ल फ्रेंड है ....
नहीं
पक्का
क्यों
नहीं .....सेक्सी है इसलिए .........
नहीं
पक्का
क्यों
नहीं .....सेक्सी है इसलिए .........
मैंने उसे नहीं बताया वो भी उसे पसंद करती है….. पीने के बावजूद मै सेन्स में था
एक मिनट गुजरता है ..मोटर साइकिल पे .....
पर तुम्हारी तो गर्ल फ्रेंड है ..... मै उससे पूछता हूँ
तो...तुझे वो सेक्सी लगती है ....
नहीं....... मै झूठ बोलता हूं
तो...तुझे वो सेक्सी लगती है ....
नहीं....... मै झूठ बोलता हूं
वक़्त ने कई उमरे अपने भीतर रखी है ....
"हॉस्पिटल अपने आप को दोहराता है .....बस हम है .....जो सोचते है के वे नायाब है .."
.किसी सर्जरी की पहली ड्रेसिंग खोलते वक़्त उसके डायलोग होते ...खास तौर से जब स्टिच नीट निकलते .....उसके हाथ में हुनर था ....ऐसा सब बोलते थे ....मनोज ओर वो गहरे यार हो गए थे ....मनोज मेरा बेडमिन्टन पार्टनर ओर मेडिसिन में रेज़ीडेंट ...
. पास होने के बाद की सोच के फटती है .... इस चारदीवारी के बाहर की दुनिया बड़ी कमीनी है
. क्यों यहाँ क्या नेकी का थोक बाजार है.?मै उससे कहता ....
ये भी अजीब बात थी के मनोज ओर निवेदिता की पूरे पांच सालो में कभी नहीं बनी........अजीब दोस्त थे साले........दोनों की पसंदे अलग थी......जिंदगी की फिलोसफी अलग.....फिर भी दोस्ती थी....ओर खूब निभ रही थी.... अजीब दौर था जिंदगी का .थोडा इंकलाबी ....थोडा रूमानी....जिंदगी के हाथ में भी कभी हंटर होता ....कभी गुलाब ......ओर दिल साला खुद से डबल क्रोस करता...बेवकूफियो पर नाज करने के दिन अब उतरने लगे थे ....मुश्किलों पर प्रोटेस्ट पर वाक् आउट नहीं उनसे रूबरू होने का हौसला होने लगा था .....
इमरजेंसी वाला दिन था ....बड़े भीड़ -भड़क्के वाला ....तकरीबन दोपहर ढाई बजे ....ओ.पी .डी में…. चाकूबाजी के केस आये है ..........दोनों पार्टियों के लोग है...दो ओ टी एक साथ है......ओर एक ए .पी पटेल आज छुट्टी पे है ...... मै 4 बजे उसे ओ टी के बाहर के गलियारे में पाँव में ऑमलेट रोल कर पकडाता हूँ सुबह से वो दो चाय ओर तीन सिगरेट पे है .........३ मिनट में वो दो पाँव ओर एक ऑमलेट फटाफट ठूंसता है… उसे वार्ड में जाना है …. नीचे आकर मुझे याद आता है ....आज जय का जन्मदिन है...!!!!!!!!!
.अच्छे कपडे पहने दो कम उम्र है ......लड़की अर्ध मूर्छित सी .... अच्छे कपडे पहने लोग सरकारी अस्पतालों में कम दिखते है ....जल्दी की इसका कारण पता चलता है
दीदी है ...लड़का कहता है .....नींद की गोलिया खा ली है ... केस मेडिसन का है
कितनी ......ओर फिर कुछ सवाल जवाब ......
कोई बात नहीं....मरेगी नहीं.....मनोज कहता है ......वो उसकी आँखों पर टोर्च मारता कहता है
"मरेगी "मुझे चुभता है ...मुझे लगा मनोज पूछेगा क्यों खायी....पर मनोज पूछता नहीं है .....
सिस्टर स्टोमक वाश ....
दस पंद्रह मिनट गुजरते है ..... लड़का मनोज के पास मंडराता है ....
सुबह पापा मम्मी आ जायेगे ....बाहर गए हुए है ....मै उससे पहले दीदी को ले जाना चाहता हूँ......
मनोज अपने चश्मे को ठीक करके उसे देखता है ....
ओफिशियाली ले जा नहीं सकते.....पर तुम्हे कोई रोकेगा नहीं......
दीदी है ...लड़का कहता है .....नींद की गोलिया खा ली है ... केस मेडिसन का है
कितनी ......ओर फिर कुछ सवाल जवाब ......
कोई बात नहीं....मरेगी नहीं.....मनोज कहता है ......वो उसकी आँखों पर टोर्च मारता कहता है
"मरेगी "मुझे चुभता है ...मुझे लगा मनोज पूछेगा क्यों खायी....पर मनोज पूछता नहीं है .....
सिस्टर स्टोमक वाश ....
दस पंद्रह मिनट गुजरते है ..... लड़का मनोज के पास मंडराता है ....
सुबह पापा मम्मी आ जायेगे ....बाहर गए हुए है ....मै उससे पहले दीदी को ले जाना चाहता हूँ......
मनोज अपने चश्मे को ठीक करके उसे देखता है ....
ओफिशियाली ले जा नहीं सकते.....पर तुम्हे कोई रोकेगा नहीं......
मै वापस जय के पास आ गया हूँ.....जय ने आँखे बंद की है ......पर सोया नहीं है .....आधे घंटे बाद मनोज अन्दर आया है ....
बाहर कुछ हलचल हुई है
दो लोग है........मोटरसाइकिल से गिरे है ....आगे वाला का पैर का मांस फटा है ...
इसका एक्स रे ....करवा कर के आना....सन्तु.....उलटे हाथ के कमरे के बाजू में स्प्रिट पीकर पड़ा होगा.....चार पांच बार आवाजे मरना ...साला उठेगा नहीं......
संतू रेडिओलोजी विभाग का नुमाइंदा है .....जो अँधेरा होते ही दूसरी दुनिया में पहुँच जाता है ....
संतू वही पड़ा मिला ......बमुश्किल .....एक्स रे करा कर मै वापस लौटा........गीली फिल्म बताती है ....कोई हड्डी नहीं टूटी.है..
जय टाँके लगा कर ड्रेसिंग कर रहा है ...मुझे प्रेस्क्रिप्शन लिखने को कहता है......फोन है .......इतने में सिस्टर ने आवाज दी है ....हमें चाय पीने के लिए गेट के आगे लारी तक जाना है ...सो मै एक किनारे खड़ा हूँ....
जय फोन पर है ......स्टेब वुंड का केस आ गया था सर.....दोनों पार्टी के लोग थे ....इमरजेंसी ....
उधर से तेज आवाजे.......
जी......
**********
येस सर
अभी वही होकर आता हूँ...सर....
********
सर...........
उधर से आवाजे तेज है ......उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बताते है .....दूसरी ओर से कुछ अच्छा नहीं कहा जा रहा है.......
चाय की लारी तक वो चलते चलते खामोश हो गया है ......
साहेब का फोन था ....मनोज पूछता है
हम...पटेल साहब का ...... बरोदा गए हुए है
क्या हुआ .....
कोई रिलेटिव है उनके बाहर .....ओपरेशन हुआ है.....उनकी ड्रेसिंग करके आनी थी......पर साला यहाँ से फुर्सत मिलती तो जाता न ....तीन इमरजेंसी आ गयी
दो लोग है........मोटरसाइकिल से गिरे है ....आगे वाला का पैर का मांस फटा है ...
इसका एक्स रे ....करवा कर के आना....सन्तु.....उलटे हाथ के कमरे के बाजू में स्प्रिट पीकर पड़ा होगा.....चार पांच बार आवाजे मरना ...साला उठेगा नहीं......
संतू रेडिओलोजी विभाग का नुमाइंदा है .....जो अँधेरा होते ही दूसरी दुनिया में पहुँच जाता है ....
संतू वही पड़ा मिला ......बमुश्किल .....एक्स रे करा कर मै वापस लौटा........गीली फिल्म बताती है ....कोई हड्डी नहीं टूटी.है..
जय टाँके लगा कर ड्रेसिंग कर रहा है ...मुझे प्रेस्क्रिप्शन लिखने को कहता है......फोन है .......इतने में सिस्टर ने आवाज दी है ....हमें चाय पीने के लिए गेट के आगे लारी तक जाना है ...सो मै एक किनारे खड़ा हूँ....
जय फोन पर है ......स्टेब वुंड का केस आ गया था सर.....दोनों पार्टी के लोग थे ....इमरजेंसी ....
उधर से तेज आवाजे.......
जी......
**********
येस सर
अभी वही होकर आता हूँ...सर....
********
सर...........
उधर से आवाजे तेज है ......उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बताते है .....दूसरी ओर से कुछ अच्छा नहीं कहा जा रहा है.......
चाय की लारी तक वो चलते चलते खामोश हो गया है ......
साहेब का फोन था ....मनोज पूछता है
हम...पटेल साहब का ...... बरोदा गए हुए है
क्या हुआ .....
कोई रिलेटिव है उनके बाहर .....ओपरेशन हुआ है.....उनकी ड्रेसिंग करके आनी थी......पर साला यहाँ से फुर्सत मिलती तो जाता न ....तीन इमरजेंसी आ गयी
तुम कहो तो मै हो आयूँ......मै कहता हूँ......
नहीं वो साला .जयेश को बोल दिया है ...वो कहाँ मौका छोड़ेगा....उलटे सेम्पल की दवा भी ले जायेगा
जयेश जय का सीनियर है ........
नहीं वो साला .जयेश को बोल दिया है ...वो कहाँ मौका छोड़ेगा....उलटे सेम्पल की दवा भी ले जायेगा
जयेश जय का सीनियर है ........
चल चाय पी कर आते है ....चाय की लारी अन्दर ही हॉस्पिटल के गेट में ....
... .....चाय की लारी पे निवेदिता की एंट्री हुई है ....... इन दिनों उनके बीच कुछ तनाव है ...जय कुछ बताता नहीं.....पर बहुत सी बाते बिना बताये पता चलती है .... ...वो सिगरेट के साथ उठ खड़ा हुआ है....कुछ दूरी पे ....वे दोनों बैठे है .......
मुझे सिगरेट का अफ़सोस है ...मेरा पूरी पीने का मन नहीं है ...ओर .मनोज बाँट कर नहीं पीता
......"हमें तुमसे प्यार कितना रेडियो पे "बज रहा है .....
प्यार की भी अपनी जरूरते है ........मनोज चाय का एक घूँट भरते हुए उन दोनों की ओर देखते हुए कहता है .....जहाँ कुछ आरग्यूमेंट शुरू हुए है ..... .....
बीच बीच में कुछ जुमले तेज आवाज़ में सुनाई देते है ...
मेरे घर वाले मेरे शादी कर देगे........ वो खड़ी हो गयी है ....बैचैनी में कुछ ओर चहलकदमी .....फिर अंग्रेजी के कुछ शब्द ..जय धीमे से कुछ कह रहा है ...
........फिर अंग्रेजी के कुछ ओर शब्द .......
......"हमें तुमसे प्यार कितना रेडियो पे "बज रहा है .....
प्यार की भी अपनी जरूरते है ........मनोज चाय का एक घूँट भरते हुए उन दोनों की ओर देखते हुए कहता है .....जहाँ कुछ आरग्यूमेंट शुरू हुए है ..... .....
बीच बीच में कुछ जुमले तेज आवाज़ में सुनाई देते है ...
मेरे घर वाले मेरे शादी कर देगे........ वो खड़ी हो गयी है ....बैचैनी में कुछ ओर चहलकदमी .....फिर अंग्रेजी के कुछ शब्द ..जय धीमे से कुछ कह रहा है ...
........फिर अंग्रेजी के कुछ ओर शब्द .......
. ... मनोज फेफड़ो में गोल्ड फ्लेक आराम से भर रहा है .... ... उसकी आँखों में झांकना चाहता हूँ ...पर चश्मा पहनने वालो के साथ ये सहूलियत है ... उनके एक्सप्रेशन आप पढ़ नहीं सकते.....चाय ओर सिगरेट होस्टल में इस कोकटेल के आपके फेफड़े ओर आंत दोनों आदी हो जाते है ....
रेडियो पे ....हमें तुमसे प्यार कितना ख़त्म हो गया है!
उधर फिर कुछ आवाजे है......सिर्फ निवेदिता की........निवेदिता पैर पटकती वापस गयी है .... जय वापस हमारे पास आकर बैठा है ....चाय की लारी वाला दूसरी चाय लेकर आया है ...कुछ देर की ख़ामोशी.....
अच्छा हेप्पी बर्थ डे है ..जिसे देखो वही बजा रहा है ... जय बुदबुदाया है
तो घर पे बात क्यों नहीं करते ......मनोज
एक महीने पहले फोन पे बस इतना कहा था जरूरी है बिरादरी में शादी करना.....तब से बातचीत बंद है हम बाप बेटे में .....
.
केज्युवलटी के गेट के बाहर कुछ हलचल हुई है.....
केज्युवलटी के गेट के बाहर कुछ हलचल हुई है.....
पेशेंट छे जय भाई….. का सर्वेंट बुलाने आया है
डेड साल का छोटा बच्चा है ...खूनम खून.....सर पे चोट है.....मां रो रही है ....बाप बदहवास......कोई ऑटो वाला टक्कर मार के गया है .....शुक्र है कोशीयास है ..थोडा गहरा घाव है ..
जय वाश करके टाँके लगा ने की तैयारी में है ....
फिर शोर मचता है ...मै बाहर निकलता हूं........सफ़ेद कुरते पजामे मे कोई नेता जी है ..पीछे चार पांच चेले ....घुटने के पास से पजामा फटा है .थोडा खून भी......
जगह दो भाई को.........उनके चेले एक बिस्तर कब्ज़ा लेते है ......डॉ कौन है
जय रूम में ....बच्चे का घाव क्लीन कर रहा है ....मै वापस उसके पास जाता हूं............ब्लीडिंग बहुत है ....
डॉ कौन है .......फिर आवाज आती है .अरे सिस्टर.......
इस बार नेता जी खुद है......सिस्टर भी वही है
टाँके लगाने से पहले बच्चे के बाल काटने जरूरी है .....
तुम डॉ हो....कोई दो चेले अन्दर घुस आये है .....आगे वाला
साहेब जयेश भाई को देखना .....चोट लगी है ...
जय उसे घूरता है .....फिर बाल काटने लगा है ...बच्चा अभी भी भी रो रहा है .मां भी......
साहेब....
जय वाश करके टाँके लगा ने की तैयारी में है ....
फिर शोर मचता है ...मै बाहर निकलता हूं........सफ़ेद कुरते पजामे मे कोई नेता जी है ..पीछे चार पांच चेले ....घुटने के पास से पजामा फटा है .थोडा खून भी......
जगह दो भाई को.........उनके चेले एक बिस्तर कब्ज़ा लेते है ......डॉ कौन है
जय रूम में ....बच्चे का घाव क्लीन कर रहा है ....मै वापस उसके पास जाता हूं............ब्लीडिंग बहुत है ....
डॉ कौन है .......फिर आवाज आती है .अरे सिस्टर.......
इस बार नेता जी खुद है......सिस्टर भी वही है
टाँके लगाने से पहले बच्चे के बाल काटने जरूरी है .....
तुम डॉ हो....कोई दो चेले अन्दर घुस आये है .....आगे वाला
साहेब जयेश भाई को देखना .....चोट लगी है ...
जय उसे घूरता है .....फिर बाल काटने लगा है ...बच्चा अभी भी भी रो रहा है .मां भी......
साहेब....
थोडा वेट करोगे भाई....जय फिर उसे घूरता है .....
साहेब .. देखो लो कही आपको वेट नहीं करना पड़ जाये ....जयेश भाई भट साहेब के खास है ......भट्ट गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री है .....
दो मिनट बाहर बैठगा ......
साहेब..
.जय ने टांका लगाना शुरू किया है.....बच्चे ने हाथ पैर फेंकना ...."कस के पकड़ इसे "
जय मुझे डांटता है .....
बाहर नेता जी शुरू हो गए है ......सुपरिडेंट कौन है ...अस्पताल का..बुलायो.....
टाँके लग रहे है ....तकरीबन ७ टाँके है .......
साहेब .. देखो लो कही आपको वेट नहीं करना पड़ जाये ....जयेश भाई भट साहेब के खास है ......भट्ट गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री है .....
दो मिनट बाहर बैठगा ......
साहेब..
.जय ने टांका लगाना शुरू किया है.....बच्चे ने हाथ पैर फेंकना ...."कस के पकड़ इसे "
जय मुझे डांटता है .....
बाहर नेता जी शुरू हो गए है ......सुपरिडेंट कौन है ...अस्पताल का..बुलायो.....
टाँके लग रहे है ....तकरीबन ७ टाँके है .......
बाहर निकले तो नेता जी नहीं थे ....मनोज बोला सुपरिडेंट के घर को गए है ....
तू खाना ला यार...जय मुझसे बोला ....
तू खाना ला यार...जय मुझसे बोला ....
साढ़े दस बज रहे है ....मै खाना लेने अपनी मोटरसाइकिल पे निकल गया हूँ.......ग्यारह बजे रेस्टोरेंट बंद हो जाएगा .......सुगर एंड स्पाइस हॉस्पिटल के नजदीक है ....मै चाइनीज़ लेकर आता हूँ......फेवरेट खाने के साथ भूख तेज हो गयी है .... अन्दर केजव्यूलटी में माहोल अपेक्षा कृत शांत है ..सिक्स्थ सेन्स के वास्ते . मै खाने का पोलीथिन बाहर सिस्टर को देता हूँ .
“साहेब आधे घंटे से अन्दर है ....”.
... अन्दर साहब है.......ओर नेता जी.....ओर दो उनके चेले ... यानि मै क्लाइमेक्स सीन पर पहुंचा हूँ ..... मनोज एक कोने में है......मै उसके साथ वाली जगह में एडजस्ट होता हूँ........ ओर जय हाथ बांधे खड़ा है... सुप्रीडेंट साहब भले आदमी है ..मेल जोल वाले .....मुंह में हमेशा पान दबाये रखते है ..... खैर ...जो हुआ ..जाने दीजिये बच्चा है ...इस उम्र में अक्सर ऐसा होता है .....
अब मांफी मांगो नेता जी से ....
अब मांफी मांगो नेता जी से ....