कोई यात्रा अकेली नहीं होती .हर यात्रा अपने साथ कई यात्राये लेकर चलती है उन अद्रश्य यात्राओं पर भी जिनमे आवाजाही रोज नहीं होती , सहज भी नहीं ! जिनमे कई अज्ञात अपराध शामिल है जिनके लिए कभी क्षमा नहीं मांगी गयी , जिनमे किसी नेरेटर , किसी गाइड की जरुरत नहीं .कनाडा की फ्लाईट में बैठते ही वे स्क्रीन पर उभरने लगती है .गुजर चुकी दुनिया से बाहर निकलकर उसे दोबारा देखते वक़्त कुछ छूटे हुए द्रश्य भी साफ़ दिखाई देते है
उनकी पहली थोड़ी बेतकल्लुफ मुलाकात एक बारिश में हुई थी वो कही से लौट रहा था .उस रोज बहुत तेज बारिश थी . वो सिगरेट लेने के हॉस्पिटल के बाहर खोखे में रुका था . देखा तो वो आधी भीगती हुई एक कोने में खड़ी थी . टी शर्ट्स -जींस में . भीड़ में कई किस्म के लोगो के बीच अपनी बेच की एक लड़की का इस तरह यूँ खड़ा रहना उसे अच्छा नहीं लगा "आपको हॉस्टल तक छोड़ देता हूँ " उसने भी मना नहीं किया था . अलबत्ता पूरे पांच सालो में उनके दरमियाँ कुल जमा जोड़ कुछ औपचारिक बाते थी
हॉस्टल में उतरते वक़्त "थैंक यू बोलने से पहले उसने सोरी कहा था
तुम्हारी सिगरेट के लिए" . शर्ट की उपरी जेब में रखा उसका सिगरेट का पैकेट भीग गया था .
दूसरी बेतकल्लुफ मुलाकात बड़ी बेढब जगह हुई थी .उसे ट्रेफिक पोलिस ने पकड़ा हुआ था वो ऑटो से गुजर रही थी .
ऑटो से सीधे उतर कर ट्रेफिक वाले के पास गयी थी जाने क्या कहा था उन्होंने उसे जाने दिया था
"चलो "वो बढे हक से बोली थी
कहाँ
रेलवे स्टेशन ! तुम्हारे लिए ऑटो छोड़ा है यार
वो चुपचाप रेलवे स्टेशन ले चला था .उसने पहली बार नोटिस किया वो ब्लैक टॉप ओर रेड स्कर्ट में थी
इस एरिये का एस. एच. ओ का नाम लिया ओर क्या ?
तुम उसे जानती हो ?
"नहीं .अखबार में उसका नाम पढ़ा था ! हवालदार को 50 रुपये नहीं दे सकते थे" रस्ते में वो बोली
उसने नहीं बताया उसकी जेब में केवल 100 रुपयेका एक नोट है,बैंक में पैसे नहीं है अगले दो दिन तक मैस बंद है सिगरेट ओर तीनो वक्तो का खाना है ओर दोस्तों की काफी उधारी है
वो अपनी दादी से मिलने आई थी वो दूर खड़ा रहा था.कही जाते वक़्त ट्रेन सिर्फ पांच मिनट के लिए उसके शहर रुकी थी . खिड़की से उसने उसकी दादी को देखा था उसी की तरह थी गोरी चिट्टी .उसने दूर से "विश" किया तो वे मुस्कराई थी .
तुम्हारी दादी बड़ी स्मार्ट है लौटते वक़्त उसने कहा
वो भी यही कह रही थी तुम्हारे बारे में "
वो हंसा
उन्हें लगा तुम मेरे बॉय फ्रेंड हो ,मैंने कहा नहीं उसकी कोई "दूसरी" है
हॉस्टल ड्रॉप करते हुए उसने फिर थैंक्स कहा .
"वैसे हम दोनों का ब्रेक अप हो गया है "मोटर साइकिल स्टार्ट करते हुए वो कहता है
"सुनो "वो पीछे से आवाज देती है .आर एक्स १०० यामहा में से एक खास आवाज आती है
तुम नॉन वेज खाते हो ?
हाँ क्यों ?
खायोगे ? घर का है दादी के हाथ का
कहाँ ?
मेरे रूम में ! आज रात ,बोलो
इन्टरन शिप में आने के बाद उनके कोलेज में लड़के लडकियों के कमरे एक ही हॉस्टल में है .
वो सोच रहा है .यामहा अब भी स्टार्ट है
कम ऑन! चिकन के लिए कोई हॉस्टल वाला सोचेगा भी ?? वो पीछे मुडती है
ओके ! आठ बजे .
जिंदगी कई वृतो का जोड़ है .
अपने वृत से बाहर निकलकर ही दूसरे वृत के भीतर जाया जा सकता है .वो जिंदगी को एक अलहदा तरीके से ट्रीट करने वाली लड़की है , हमेशा जींस पहनने वाली इस लड़की के पास स्पोर्ट्स साइकिल है ओर कई जोड़ी जूते वो .कभी कभी स्कर्ट में भी दिखती है .सब वाइब्रेंट कलर !! कोलेज के फैशन शो में उसे रेम्प पर देखा है कान में बड़े गोल से इयर रिंग .उसे सब सूट भी करता है.उसके बारे में कई किस्म के किस्से है कुछ उसके कानो में भी पड़े है . बोयेज़ हॉस्टल के मुताबिक वो एक बोल्ड लड़की है ...कुछ लोग मानते है बोल्ड होना यानी बुरा होना है . वक़्त के इस मोड़ पे किसी प्री फोर्म्ड इमेज पे उसका यकीन नहीं है . अच्छे ओर बहुत अच्छे लोगो से उसने जिंदगी के कुछ कडवे तजुर्बे लिए है .
एक वक़्त के बाद अच्छे दोस्तों की जिंदगी में वक़्त भी बंट जाते है
वो व्हाईट शर्ट ओर डेनिम की जींस में है ऊपर एक पश्मीना शाल .उसकी फेवरेट ड्रेस !! पर उसे कहता नहीं . कुछ ख्याल कुछ दूरिया तय करने के बाद ही बांटे जाते है .वो नीचे बिछाये गए दो मोटे गद्दों के ऊपर एक जगह लेता है कमरा उसके टेस्ट को रिफ्लेक्ट करता है .छोटी सी जगह में चीज़े अरेंज थी ओर एक विंड चाइम जो हर तीन मिनट बाद बोलती थी .रेडिओ ऑन है .पर उसकी धीमी आवाज डिस्टर्ब नहीं करती . पीठ वाली दीवार पर जोर्ज माइकिल है .....मेज के एक कोने पर एक फोटो फ्रेम है जिसमे वो अपनी दादी के साथ खड़ी है.सामने वाली दीवार ब्राईट येलो है जिस पर सुर्ख लाल रंग से कुछ लिखा है,
"ईश्वर अनिवार्य नहीं रहा अब
के
हमने जुटा लिये है कई विकल्प "
साथ में एक बड़ा सा गिटार बना हुआ है .वो सम्मोहित सा एकटक उस दीवार को देखता है .
"वो दीवार इस बिल्डिंग की प्रोपर्टी है , विरासत में मिली है . सुना है पांच पहले कोई लड़का रहता था .उसका क्रियेशन है .उसके बाद रहने आई मै तीसरी हूँ पर किसी ने इस दीवार को टच. नहीं किया , कलर टेक्सचर अच्छा है .मुझे वाइब्रेंट कलर पसंद है .
" म्यूजिक आपके इमोशन का सबसे बेस्ट ट्रांसलेशन है "वो दीवार पे बने गिटार को छूते हुए कहता है
वो हाथ में पाँव लिए उसकी ओर ताक रही है
वो अचकचा गया है "what "
तुम्हारी बिरादरी का ही होगा ,भूल गयी थी तुम भी कुछ मुश्किल सा लिखते हो ना ! कोलेज मैगज़ीन में एक दो बार तुम्हारा लिखा देखा है पर पन्ने पर रुकी नहीं कभी ". ..वो बिस्तर पर अखबार बिछा रही है .वो गिटार को देख रहा है .
उसकी एक दो किताबे यहाँ छूटी रखी है ,शायद तुम ले जाना चाहो
खाते खाते वो कुछ ओर बतलाती है
"इंडिया में मुझे दो चीज़े बहुत पसंद है "दादी" ओर" पहाड़ ". .पहाड़ कटाजीयस होते है आपने ज्यादा वक़्त उनके साथ बिता लिया तो फिर वे आपके साथ चलते है"
हाथ धोने जब वो बालकोनी में आता है तो लाइन में पड़े उसके शूज़ ओर सैंडल देखता है .दर्ज़न से भी ज्यादा .
विदा के वक़्त वो उससे पूछती है "क्या सचमुच तुम्हारा ब्रेक अप हो गया ,वो बड़ी स्वीट लड़की है "
वो मुस्कराता है .बाय कहकर .नीचे उतर कर अपनी मोटरसाइकिल के पास खड़े होकर पूरी सिगरेट पी डालता है
अगले तीन दिन तक वो उससे मिलने से बचता रहा ,शायद कही भीतर से वो ये जताना चाहता था वो औरो जैसा नहीं है. .वो यारबाज आदमी था ढेरो दोस्त थे उसके उतने ही दुश्मन .
तीन दिन बाद की सुबह
वो कैंटीन में था वो उसके पास आकर बैठी
क्या बात है "आज शेव नहीं बनायीं
बस मन नहीं किया
कुछ खायोगी
नहीं आज मेरा व्रत है
व्रत ओर तुम ?
मेरी जैसी यही ना ! नहीं मानती यार ! पर करना पड़ता है दादी वास्ते !
मतलब
"कुछ नहीं "वो टाल जाती है .
अगले रोज वो कैंटीन में उसे दो किताबे थमाती है "ये लो तुम्हारी अमानत "
"फैज़ ओर साहिर" ! ! वो किताबे हैरानी से पलटता है .बाज मर्तबा उसने कई कीमते किताबे बड़ी गैर वाजिब जगहों से हासिल की है ,पुराणी दुकानों, फूटपाथो से पर ये ठेठ अंग्रेज़ीदा कोंवेंटी लड़की भी कभी ऐसी किताबो का जरिया बनेगी उसने सोचा नहीं था .
वो अचानक सिमट गयी है
क्या हुआ ?वो पीछे मुड़कर देखता है उसकी "एक्स "अपने डिपार्टमेंट के साथ कैंटीन में दाखिल हुई है
"जिंदगी में पहली बार किसी वैम्प सा फील कर रही हूँ ,अन कम्फर्टेबल
कभी कभी कुछ गलत आपको " सही" करने के लिए होता है
"प्यार इस दुनिया की सबसे कोम्प्लीकेटेड चीज़ है ,I hate love ये आपसे "आपको "छीन लेता है" वो फुसफुसा कर बोली है
आप दिल ओर दिमाग एक साथ लेकर नहीं चल सकते , आप या तो" इन" हो या "आउट " वो अपनी चाय पीते हुए कहता है
मालूम नहीं पर वो "स्वीट "लड़की है
सारी स्वीट लडकियों के पास फ्यूचर" जूम" करने वाला कैमरा भी होता है शायद
कम ऑन अब तुम जजमेंटल हो रहे हो
गोल गप्पे खायोगी ? वो अचानक उठा खड़ा हुआ है
चाय के बाद ?
तो ? चलो मै तुम्हे एक मस्त जगह लेकर चलता हूँ
बाइक पे उसके पीछे बैठते वक़्त उसकी निगाह कैंटीन के खिड़की के पार उन दो आँखों से टकराती है जो अब भी उनकी ओर जमी है .
"वैसे एक बात कहूँ ," मोटर साइकिल चलाते हुए वो कहता है " बड़ी अजीब सी बात है प्यार एक डबल एज स्वोर्ड की तरह है जब आप इसमें गले तक डूबे होते हो तो ये एक" पोएटिक जर्नी" सा लगता है ओर जब बाहर आते हो तो लगता है इसने आपको "औसत" बना दिया है आपके " क्रिटिकल सेन्स "को ब्लोक कर दिया है .....आपके विज़न को "नैरो "कर दिया है ! शायद आप ही इसके बाहर कुछ नहीं देखना चाहते ."
प्यार तुम जैसे बुद्धिमानो के लिए नहीं है डियर ! वो इसे भी मुश्किल बना देते है. वो या तो "होता "है या "नहीं होता"
वो हँसता है . !
उसे हॉस्टल ड्रॉप करते हुए उस रोज उसने कहा था "अजीब बात है न जिस इन्सान को आप सालो चाहते हो वो एक मिनट में आपके मन से उतर जाता है ., एक मिनट में "
वो एक टक उसको देखती रही थी !
हर इंसान के पास उसकी एक सराउंडिंग होती है जो उसके साथ साथ चलती है
उस रोज कोलेज बंद था दिसंबर के आखिरी हफ्ते के सर्द दिनों में से एक कोई दिन था सूरज दो रोज से छुट्टी पे था ,बाईक में पेट्रोल नहीं था शिरीष अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कमरे में बंद था सो वो पैदल ही एक जैकेट ओर मफलर लपेटकर सिगरेट लेने निकला था बारिश है .वो अपने हॉस्टल के बाहर खड़ी है
तुम्हे फिल्मे देखना पसंद है ? !"बॉम्बे "लगी है चलोगे
मेरे पास मोटर साईकिल नहीं है
"ऑटो से चलते है "
फिल्म देखते देखते एक इमोशनल सीन में उसने उसकी बांह पकड़ ली है . अंगुलियों के घटते बढ़ते दबाव पर वो उसकी ओर देख रहा है वो फिल्म में खोयी हुई है .वो उसके माथे पर बेतरतीब बालो को कान के पीछे करता है .हौल से बहर निकलते वक़्त अब भी बारिश है .उसने छाता खोल लिया है वो उसकी बांह पकडे चलती है .सर्दियों में कुछ ऑटो ही चलते है इसलिए वो किराया नहीं पूछते सीधे बैठ जाते है
अच्छी फिल्म थी ना
.तुमने कभी सोचा है जब हम कैमरे से किसी स्पेसिफिक ऑब्जेक्ट का शोट लेते है तो कुछ चीज़े उसमे अपने आप आ जाती है . .वो कभी कभी कुछ शोट्स में इस कदर शामिल हो जाती है के उस शोट का सेन्ट्रल पॉइंट सेन्ट्रल फोकस वही हो जाती है उसे ओर फोटोजेनिक बना देती है. उनका आस पास रहना ,बैक ग्राउंड में रहना ही दरअसल सेन्ट्रल में रहना है. जब मै कोई फिल्म दूसरी बार देखता हूँ तो उसके पास की इन्ही चीजों को देखता हूँ
तुमने फिल्म देखी हुई थी
हाँ फर्स्ट डे
वो उसे देखती है फिर एकदम नजदीक आ गयी है, लगभग झुककर .वो उसके होठ चूम लेता है .वो मना नहीं करती .एक मिनट वे गूंथे रहते है
ऑटो से उतर कर कुछ दूर ख़ामोशी साथ चली है जिसे वही तोडती है
बारिश अब भी है
"फॉर गोड़ सेक अब आई लव यू मत कह देना"
वो मुस्कराया था ओर एक सिगरेट जली थी .
"सिगरेट पीने वाले लडको को जेब में च्यूंगम रखनी चाहिए ".विदा लेते वक़्त वो कहती है
हर देह की अपनी खुशबु होती है.
सब ने उस रोज दिन में पी ली थी .वो सो कर उठा था सर में भयंकर दर्द था . पेट में भूख . उसे याद आया उसने कुछ नहीं खाया था बस कुछ उबले अंडे खाए थे . घडी रात के साढ़े दस दिखा रही थी . आस पास वाले भी सब पिए औंधे पड़े थे कमरे में टटोला कुछ नहीं रखा था बिस्किट भी नहीं .कोहरा कमरे के अन्दर घुसने को तैयार था .इस वक़्त रेलवे स्टेशन पर कुछ खाने को मिलेगा उसके कमरे की लाईट जली थी जाने क्या सोचकर उसने मोटरसाइकिल मोड़ दी .
उसका दरवाजा खटखटाया था " कुछ खाने को है ? भूख लगी है"
उस रात उन्होंने एक नया रिश्ता पहना था.
एक रजाई मे लेटे दोनों छत को ताकते है
"सिगरेट पी सकता हूँ " वो पूछता है
गिल्ट तो फील नहीं हो रही
नहीं !! क्यों ?
प्यार से फ्रेश फ्रेश बाहर निकले आदमी में गिल्ट ज्यादा होती है ना .टेस्टोंस्टीरोंन लो होते ही गिल्ट जाग जाग उठती है
वो उसकी तरफ देख मुस्कराया था "तुम्हारा सेन्स ऑफ़ ह्यूमर उससे कही ज्यादा है जितना मै सोचता था "
मुझे याद नहीं मैंने कही पढ़ा हो स्कर्ट पहनने वाली लडकियों का ""आई कयू कम होता है
वो फिर मुस्कराता है फिर होठो को गोल करके सिगरेट का गोल छल्ला बाहर निकालता है दोनों उसे ऊपर छत पे जाता देखते है
"वंस मोर "वो कहती है
अगले कुछ पल इन्ही छल्लो के खेल में गुजरे थे वो फिर छल्ला ऊपर छोड़ता है
.
मुझे स्टेशन तक छोड़ दोगे? दो दिन बाद उसने कहा था
अचानक ?
दादी की तबियत ख़राब है .
रास्ते में वो बताती है "उन्हें कैंसर है .कीमो चल रही है उनकी तबियत ख़राब रहती थी ,डाइगनोस होने में भी वक़्त लगा वही चाहती थी मै इंडिया आयूँ मान भी बस पापा खिलाफ थे पर उनकी वजह से आने दिया
"इमोशनली इन्वोल्व" मत होना .उसके दोस्त सिगरेट बांटते हुए कहते है . उसके दोस्त ऐसे ही थे न जिरह करते थे न पादरियों की तरह स्पीच देते थे .बस सिगरेट बांटते वक़्त अपने शुबहे ओर मशविरे दोनों बाँट लेते थे
उसके बाद सर्दियों की कई राते उनके बीच गुजरी . केनेजी के इन्सट्रूमेंटल के दरमियान प्यार ..कभी वो अपने साथ शामी कबाब लता जिसे वो गर्म करती ओर दोनों खाते कभी वो उसे मैगी में कुछ कुछ मिलाकर उसे खिलाती खास तौर से बोयल एग .वो कमाल की कुक थी .कुकिंग उसका पैशन था. बनाकर खिलाते वक़्त वो कोई नजर आती . वो अक्सर आधी रात उसके कमरे से बाहर निकलता . हर आदमी के भीतर कई दरवाजे होते है कुछ दरवाजे कभी खुलते नहीं कुछ सिर्फ किन्ही मखसूस लम्हों मखसूस लोगो के लिए खुलते है .अमूमन "प्यार" के बाद दोनों लेटे ऐसे छल्लो के देखते बतियाते .उस रात बारिश भी थी .सर्दियों में बारिश की फितरत कुछ अलहदा होती है बिना किसी किस्म की इत्तिल्ला दिए आती है .
कुछ है जो अनएक्स्प्लेबल है पर वो जो कुछ भी है उसका "जोड़ "प्यार नहीं है ........
उस रात उस का मूड कुछ जुदा किस्म का था
"१५ तक कनाडा में स्कूलिंग रही . 14 साल तक मै घर की सबसे शर्मीली लड़की थी .सीनियर क्लास के फूटबाल टीम के कैप्टन पे दिल आया पूरी क्लास उसपे मरती थी एक बार उसके साथ डेट पर गयी .वो पहला किस था उस रात मै सातवे आसमान पे थी पर अगली सुबह स्कूल वैसा ही था वो भी . मै उसके पीछे पीछे घूमती रही दो दिन बाद उसने कहा " कम ऑन इट्स इ डेट ओनली " ! तबसे बदल गयी .
वो रात के लिए अमूमन तीन सिगरेट बचकर रखता था . उस रात पहली सिगरेट थी .
रिबेलियन हो गयी ! लुक पर" कौनशियस" हो गयी कपड़ो पर ज्यादा ध्यान देने लगी ,शरीर पर भी . कुछ कुछ रिवेंज जैसा था पहले ब्रेक के बाद ज्यादा होता है . ......!
सोचा था बदल गयी हूँ पर यहाँ कॉलेज में फिर..... ****** के प्यार में पड गयी सोचा था ******* अलग होगा .अगर पहला प्यार कम उम्र में हो जाये तो उम्र के साथ प्यार का सिर्फ रोमांटीसाइज़ पहलू फोकस नहीं होता उसके लेफ्ट राईट भी चीज़े " जल्दी " दिखने लगती है.............!
वो वैसा तो नहीं था पर एक अलग किस्म का था . तब अहसास हुआ के मेरे अन्दर अभी बहुत कुछ है जो बदला नहीं है . उसे बदलना बाकी था ."
लाईट चली गयी है , केनेजी का इन्सट्रूमेंटल बंद हो गया है .बाहर की आवाज़ों ओर साफ़ है बतलाती है बारिश तेज है .पर बारिश का ये दखल उसको अखरता नहीं वो चुचाप सिगरेट पीता है .
"ऐसी जींस मत पहनो ,पहनो तो" शर्ट इन" मत करो .टी शर्ट मत पहनो. शोर्ट्स मत पहनो " बॉय फ्रेंड होते ही वो बदलने लगा .वो सिर्फ पोज़ेसिससेवनस नहीं थी . कपडे मेरे लिए अहम् नहीं थे पर इससे बात मत करो, उसके पीछे बाइक पर क्यों बैठी ? रूठना मनाना .मिन्नतो के बाद वो मानता अमूमन ये रोज होने लगा .फिर चुभने लगा, दम सा घुटने लगा उस रिश्ते में . एक दिन किसी टीचर को "स्मार्ट " कह दिया .तो उसने सबके सामने कैटीन में मुझे " बिच " कहा . उस रोज उसी लम्हे से वो मेरे मन से उतर गया .उस दिन उस लम्हे मुझे उससे नफरत हुई,......... घ्रणा !
बाहर बादल इस तरह से गरजे है मानो गुफ्तगू के इस पहलू से वाकिफ है
".उसके बाद उसने कई बार माफ़ी मांगी ,कई ग्रीटिंग्स कार्डस मेरे दरवाजे के नीचे धकेले पर मैंने तय कर लिया था उस रिश्ते में वापस नहीं जायूंगी " .
वो उसकी ओर देखती है " दूसरी सिगरेट जला लो , इसकी गंध अच्छी लगने लगी है "
ऐसा बहुत कुछ होता है जिसे आप एक वक़्त किसी से नहीं कह सकते अपने बेस्ट फ्रेंड से भी नहीं .उन दोनों के दरमियान का ये रिश्ता उसके भीतर कुछ भरता है जबकि वो उससे वो प्यार नहीं करता तब भी .क्यों ऐसा ? क्या ये क्षणिक अहसास है या इसकी स्मृति लम्बी रहेगी ?
वो उससे लिपटी पड़ी है .उसका मन हुआ कार के स्टीरियो में फिट गोल नोब जो उसका वोल्यूम घटाती बढ़ाती है ऐसी कोई नोब बारिश की भी हो तो वो बारिश बढाकर उसे फिक्स कर दे ......देर तक .
दीवार पर बैठा गिटार खामोश है
सुनो मुझमे किसी देवता का कोई अंश नहीं है इसका चश्मदीद गवाह तुम्हारी दीवार पर बैठा गिटार है ...........
तन्मय को देश से बाहर जाना है . हमेशा के लिए .यार दोस्त बाइक लेकर बाहर निकल जाते है चार दिनों के लिए .इंटर्नशिप का पीरियड इस फेटरनिटी में गोल्डन पीरियड कहा जाता है वो चार दिन बाद कोलेज लौटा है .उसके रूम पे दो बार गया है ताला लगा मिला है ,बाहर एक चिट छोड़कर आया है .तीन दिन तक वो उसे नहीं मिली है .
उसकी नींद को किसी दरवाजे पर पड़ती नोकों ने तोडा है उनीदे होकर वो दरवाजा खोलता है वही है ,धडधडा कर घुसी है
एक दम गुस्से में
"तुम समझते क्या हो मुझे ? मै कोई रिक्रेयेशन की चीज़ हूँ ? तुम्हारे मेल एगो की सप्लीमेंट "
वो भौचक खड़ा है .उसे बैठने को कहता है
तुम गए थे कहाँ ?बिना बताये ?
वो उसे देखता है" रिलेक्स यार दोस्तों के साथ निकल गया था "
बिना बताये ? ?
वो उसकी ओर देखता है .सिगरेट का पैकेट ढूंढ रहा है .
वो दो मिनट तक चहल कदमी करती है फिर उसके बिस्तर पर बैठ गयी है .
उसने सिगरेट सुलगा ली है .
दादी ठीक है वो पूछता है
मुझे डर लगने लगा है ,मै पोज़ेससिव होने लगी हूँ मुझे अब रात का इंतज़ार रहने लगा है , पहले कमरे में आकर मै रिलेक्स हो जाती थी अब एक तय वक़्त पर तुम इस कमरे में न मिलो तो बैचैनी होने लगती है ऐसा लगता है मेरी तरह ये कमरा भी तुम्हारा एडिक्ट होने लगा है. किस्म किस्म के बहाने मुड़कर तुम्हारी तरफ आने लगे है
वो सिगरेट फेंक कर उसके नज़दीक बैठ गया है .
तुम ठीक तो हो
वो रोने को हो आयी है उसे चूमती है उन चुम्बनों में आज कुछ रुंधा सा है एक अजीब किस्म का फील !
फिर वो अचानक उठ खड़ी हुई है
"हमें इस सबसे बाहर निकलना होगा " मुझे प्यार से बहुत डर लगता है वो तेजी से कमरे से निकल गयी है .
वो बौराया सा खड़ा रह गया था
वक़्त की बीहड़ क्रूरता अपनी अनिवार्यता नहीं छोडती .........
ज़मीर सीधी रेखा में नहीं बढ़ता .कितने गिल्ट है जो कतार बन कर दिल ओर दिमाग के दरमियाँ चलते रहते है. कुछ रिश्ते शरीर में धीमे धीमे फैलते है ,दिल के नाजुक हिस्से के एक खास रस्ते में आप क्लैम्प लगा देते है. internship ख़त्म होने को है
दरवाजे पर नोक , वो घडी देखता है सुबह के चार बजे है
वो दरवाजे पर खड़ी है "तुम मुझसे शादी करोगे "
वो भौचक खड़ा है .
अन्दर आओ क्या हुआ ?
" दादी नहीं रही ",मै वापस कनाडा जा रही हूँ"
वो उसे उसके नाम से पुकारता है
पापा नीचे गाड़ी में बैठे है ,बोलो मुझसे शादी करोगे ?
इस वक़्त ये कैसा सवाल है ?
मेरे लिए बेहद जरूरी है
............
अगली बार सिर्फ सर्टिफिकेट कलेक्ट करने वापस आयूंगी ........गर आयी तो
वी विल टॉक लेटर ऑन....मै गाडी तक आता हूँ
"नहीं " वो रुक गयी है पापा को मैंने अपनी दोस्त के बारे में कहा है
वो उसके नज़दीक आयी है .उसके होठो को चूमती है .उसके आंसू का नमक सा स्वाद उसके होठो पर है . ""टेक केयर
अलविदा ! वो उसे एक सेकण्ड देखती है फिर तेजी से ओझल हो जाती है .नीचे गाड़ी के स्टार्ट होने की आवाज
वक़्त के एक लम्हे में कोई आपको कितना चाह सकता है !!!!!!
मेरा बस चले तो हर दीवार पर एक गिटार खींच दूँ
कोंफ्रेंस हौल से निकलते निकलते उसे उम्मीद से ज्यादा वक़्त लगा .उसके अपने लेक्चर में ढेड घंटे का वक़्त बाकी है वो सोचता है लौटकर वापस आया जा सकता है क्या उसे बच्चों के लिए कुछ लेना चाहिए यूँ किसी के घर पहली बार खली हाथ जाना ,रास्ते में ले लूँगा .बाहर निकला उसे लेने आया ड्राइवर कोई इन्डियन ही था .वो दो घंटे लेट था
ओह सोरी ! घर पर सब वैट कर रहे होगे
घर, नहीं साहब इस वक़्त तो मैडम" होम "गयी होगी
"होम" ??
"पिछले छह सालो से मैडम का रूटीन है साहब .सेटरडे ,ट्यूसडे शाम ३ से छह अपना वक़्त वही देती है ". ड्राइवर रास्ते में बताता है
"ओर्फेनेज है पर मैडम ने उसे नयी शक्ल दे दी है साहब .क्या क्या जुटाया है उसके लिए लोगो से मांग कर पुराने खिलोने ,कपडे ,खेल के दूसरे सामान.स्कूल से अलग बच्चो को पढ़ाने के लिए टीचर ,महीने में एक बार चेक अप जो लोग एडोप्ट करने के लिए आते है मैडम उनकी पूरी हिस्टरी मालूम करवाती है साहब .एडोप्ट होने के बाद महीने महीने खुद बच्चों से फोन पर बात करती है .कही शक हो तो मिलने पहुँच जाती है .बच्चो से बहुत प्यार है साहब ".ड्राइवर बहुत उत्साहित है .फिर रूककर पूछता है
"घर चले के होम साहब ?
"होम ! तुम कितने साल से मैडम के साथ हो ?"
बचपन से .मैडम को गोद में खिलाया है साहब. इंडिया गयी आप लोगो के साथ पढने तब एयरपोर्ट मै ही छोड़ने गया था बचपन में बहुत जिद्दी थी . बड़ी मैम साहब के जाने के बाद बदल गयी प्रतीक साहब से शादी हुई तो मै भी इधर आ गया ."
उसके उत्साह का कारण अब समझ आया है
"ओर मैडम के बच्चे ?"
दो है साहब ,बाकी दिनों में तीन बजे हॉस्पिटल से आती है .पूरा वक़्त देती है उन्हें भी .कभी कभी होम भी लेकर आती है ! इतना काम करती है साहब पता नहीं कितनी एनर्जी है ? आप भी बच्चो के डॉ है ?
"नहीं ,आँख का हूँ ."
"आज कोई किसी बच्चे को एडोप्ट करने आने वाला था साहब इसलिए मैडम का जाना जरूरी है साहब "
हम्म....
होम के बाहर पार्किंग के परे एक मैदान है ,बोस्केट बाल ग्राउंड ,कुछ दूर वोली वाल ..ड्राइवर उसे एक वेटिंग में आदर से बैठने को कहता है .
मै देख कर आता हूँ साहब .
वो वेटिंग में लगी अलग अलग तस्वीरे देखने उठ खड़ा हुआ है .स्टेज पर स्पीच देती , बच्चो के साथ खेलती ,अलग अलग जगहों पर खड़ी वो . तस्वीरे बताती है वो अब भी वैसी है स्लिम बस चेहरे पर एक नयी चीज़ आ गयी है नजर का चश्मा .
"ओह सोरी ! दिवाकर तुम्हे यहाँ ले आया "वो पीछे मुड़ता है वाईट कुरते ओर जींस में वही है
"ये गोगल्स सूट करते है तुम्हे ."
"चालीस पार थोडा इंटेलिजेंट लगना चाहिए न" वो हंसी है
घर चलने के लिए थोडा रुकना पड़ेगा ,यहाँ कुछ काम बाकी है
घर नहीं जा पायेगे , ढेढ़ घंटे बाद मेरा लेक्चर है
ओह ! तुम मुझे दस मिनट दो फिर कोफ़ी पीने चलते है नज़दीक में ही है
वो दस मिनट बाद आई है
ड्राइवर से चाभी लेकर वो खुद ड्राइव कर नज़दीक के एक कॉफ़ी हायूस में आई है
अभी काम बाकी है ,वापस लौटकर आना पड़ेगा .रस्ते में वो बताती है .
"बाल गए तुम्हारे " बैठते वक़्त वो कहती है
हाँ ! वो सर पार हाथ फिराता है "शरीर उम्र बताने लगा है पर अब भी हैंडसम दिखता हूँ .
वो हंसी है . वही हंसी
"तुम बदल गयी हो ....... बहुत" वो गौर से उसे देखता कहता है
वो कॉफ़ी का घूँट भरती है
" .प्रतीक से शादी के बाद जब पहली बार प्रेग्नेंट हुई तब बड़ी एक्ससाइटेड थी दो बार मिस्केरिज हुए दूसरा चौथे महीने में डिप्रेशन में आ गई .साईंक्रिटिक फ्रेंड ने तब इस होम में आकर सिर्फ छोटे बच्चो को कहानी सुनाने की जिम्मेदारी दी . यहाँ एक बच्ची मिली पांच साल की एक एक्सीडेंट में अपना सारा परिवार खो चुकी थी ,एक हाथ भी . परिवार में जो बचे थे उसे अपनाने को तैयार नहीं थे वो रोज शाम मुझे मुस्कराती मिलती थी , मुझे लगा मेरी तो खरोंचे है वो पहला एक्सप्लोरेशन था दुनिया का .l.इन बच्चो ने धीरे धीरे जिंदगी की दूसरी गांठे खोलनी शुरू की .इस दुनिया में तकलीफों के पुलंदे है सबके हाथ में कुदाली है कोई अपने अतीत को खोद रहा है तो कोई भविष्य को ,हम अपने से शुरू कर दुनिया अपने पे ही ख़त्म कर देते है आस पास देखते नहीं .मुझे लगा दुःख मुझे चला रहे है मैंने" रिमोट" उनके हाथ में दे दिया है .मुझे इस कंट्रोल से बाहर निकल कर इन पुलंदो को खोलना होगा . कुछ वापस देना होगा. तब से कोशिश कर रही हूँ बस ! लगा कितना कुछ है जो करना बाकी है ओर कमाल देखो उसके बाद दो बार प्रेग्नेंट .आखिरी हफ्तों तक हॉस्पिटल आती रही होम भी , सब कुछ परफेक्ट ! .मेरी दो बच्चिया है " .....एक सांस
"दादी कहती थी उम्र सबसे बड़ा एब्सोर्ब्वर है .सही कहती थी .आपकी अग्रेसिवनेस आपकी आक्रामकता डालयूट हो जाती है जिंदगी में जो कुछ भी गुजरा है उसे मै discontinue नहीं करती पर उसे होल्ड करके भी नहीं रखती ,गुजर जाने देती हूँ उन वक्तो की अपनी जगह है .हर समय की अपनी सराउंडिंग होती है."
कोफ़ी का लम्बा घूँट !
"प्रतीक बहुत अच्छा है उसने बहुत सपोर्ट दिया,आई एम लकी"
उसका मोबाइल बज उठा है .वो कुछ मिनट बात करती है
"तुम रात का डिनर क्यों नहीं करते हमारे साथ "वो फोन बंद करके उससे मुखातिब होती है
नहीं इंस्ट्रूमेंट वालो के साथ एक इम्पोर्टेंट मीटिंग है
सुना है बहुत बड़े आदमी हो गए हो
"हम लोग सिर्फ उम्र से बढे हो रहे है"
होटल वापस ड्रॉप करते वक़्त वो गाडी में पूछती है " ओर किताबे पढना वो जारी है या छूट गया "
"तबसे सिर्फ किताबे पढ़ रहा हूँ पर उनमे जो लिखा है वो शायद तुमने समझा है"
ओह कम ऑन!
होटल लोबी में उतरकर वो उसके गले लगती है
"तुम दोनों अपने आप में खास हो .बिना चश्मे वाली भी ओर ये चश्मे वाली भी . आई एम् प्रायूड ऑफ़ यू " वो उसके कान में फुसफुसाता है
हर वक़्त "अनफिनिशिड" होता है . हम जिस मोड़ को "दी एंड " मानकर किरदारों की इमेज बना लेते है वो "टेम्परेरी "होती है उसके ब्रेकेट में कही "कंटीन्यू" भी लिखा होता है जिसे हम पढ़ नहीं पाते
उनकी पहली थोड़ी बेतकल्लुफ मुलाकात एक बारिश में हुई थी वो कही से लौट रहा था .उस रोज बहुत तेज बारिश थी . वो सिगरेट लेने के हॉस्पिटल के बाहर खोखे में रुका था . देखा तो वो आधी भीगती हुई एक कोने में खड़ी थी . टी शर्ट्स -जींस में . भीड़ में कई किस्म के लोगो के बीच अपनी बेच की एक लड़की का इस तरह यूँ खड़ा रहना उसे अच्छा नहीं लगा "आपको हॉस्टल तक छोड़ देता हूँ " उसने भी मना नहीं किया था . अलबत्ता पूरे पांच सालो में उनके दरमियाँ कुल जमा जोड़ कुछ औपचारिक बाते थी
हॉस्टल में उतरते वक़्त "थैंक यू बोलने से पहले उसने सोरी कहा था
तुम्हारी सिगरेट के लिए" . शर्ट की उपरी जेब में रखा उसका सिगरेट का पैकेट भीग गया था .
दूसरी बेतकल्लुफ मुलाकात बड़ी बेढब जगह हुई थी .उसे ट्रेफिक पोलिस ने पकड़ा हुआ था वो ऑटो से गुजर रही थी .
ऑटो से सीधे उतर कर ट्रेफिक वाले के पास गयी थी जाने क्या कहा था उन्होंने उसे जाने दिया था
"चलो "वो बढे हक से बोली थी
कहाँ
रेलवे स्टेशन ! तुम्हारे लिए ऑटो छोड़ा है यार
वो चुपचाप रेलवे स्टेशन ले चला था .उसने पहली बार नोटिस किया वो ब्लैक टॉप ओर रेड स्कर्ट में थी
इस एरिये का एस. एच. ओ का नाम लिया ओर क्या ?
तुम उसे जानती हो ?
"नहीं .अखबार में उसका नाम पढ़ा था ! हवालदार को 50 रुपये नहीं दे सकते थे" रस्ते में वो बोली
उसने नहीं बताया उसकी जेब में केवल 100 रुपयेका एक नोट है,बैंक में पैसे नहीं है अगले दो दिन तक मैस बंद है सिगरेट ओर तीनो वक्तो का खाना है ओर दोस्तों की काफी उधारी है
वो अपनी दादी से मिलने आई थी वो दूर खड़ा रहा था.कही जाते वक़्त ट्रेन सिर्फ पांच मिनट के लिए उसके शहर रुकी थी . खिड़की से उसने उसकी दादी को देखा था उसी की तरह थी गोरी चिट्टी .उसने दूर से "विश" किया तो वे मुस्कराई थी .
तुम्हारी दादी बड़ी स्मार्ट है लौटते वक़्त उसने कहा
वो भी यही कह रही थी तुम्हारे बारे में "
वो हंसा
उन्हें लगा तुम मेरे बॉय फ्रेंड हो ,मैंने कहा नहीं उसकी कोई "दूसरी" है
हॉस्टल ड्रॉप करते हुए उसने फिर थैंक्स कहा .
"वैसे हम दोनों का ब्रेक अप हो गया है "मोटर साइकिल स्टार्ट करते हुए वो कहता है
"सुनो "वो पीछे से आवाज देती है .आर एक्स १०० यामहा में से एक खास आवाज आती है
तुम नॉन वेज खाते हो ?
हाँ क्यों ?
खायोगे ? घर का है दादी के हाथ का
कहाँ ?
मेरे रूम में ! आज रात ,बोलो
इन्टरन शिप में आने के बाद उनके कोलेज में लड़के लडकियों के कमरे एक ही हॉस्टल में है .
वो सोच रहा है .यामहा अब भी स्टार्ट है
कम ऑन! चिकन के लिए कोई हॉस्टल वाला सोचेगा भी ?? वो पीछे मुडती है
ओके ! आठ बजे .
जिंदगी कई वृतो का जोड़ है .
अपने वृत से बाहर निकलकर ही दूसरे वृत के भीतर जाया जा सकता है .वो जिंदगी को एक अलहदा तरीके से ट्रीट करने वाली लड़की है , हमेशा जींस पहनने वाली इस लड़की के पास स्पोर्ट्स साइकिल है ओर कई जोड़ी जूते वो .कभी कभी स्कर्ट में भी दिखती है .सब वाइब्रेंट कलर !! कोलेज के फैशन शो में उसे रेम्प पर देखा है कान में बड़े गोल से इयर रिंग .उसे सब सूट भी करता है.उसके बारे में कई किस्म के किस्से है कुछ उसके कानो में भी पड़े है . बोयेज़ हॉस्टल के मुताबिक वो एक बोल्ड लड़की है ...कुछ लोग मानते है बोल्ड होना यानी बुरा होना है . वक़्त के इस मोड़ पे किसी प्री फोर्म्ड इमेज पे उसका यकीन नहीं है . अच्छे ओर बहुत अच्छे लोगो से उसने जिंदगी के कुछ कडवे तजुर्बे लिए है .
एक वक़्त के बाद अच्छे दोस्तों की जिंदगी में वक़्त भी बंट जाते है
वो व्हाईट शर्ट ओर डेनिम की जींस में है ऊपर एक पश्मीना शाल .उसकी फेवरेट ड्रेस !! पर उसे कहता नहीं . कुछ ख्याल कुछ दूरिया तय करने के बाद ही बांटे जाते है .वो नीचे बिछाये गए दो मोटे गद्दों के ऊपर एक जगह लेता है कमरा उसके टेस्ट को रिफ्लेक्ट करता है .छोटी सी जगह में चीज़े अरेंज थी ओर एक विंड चाइम जो हर तीन मिनट बाद बोलती थी .रेडिओ ऑन है .पर उसकी धीमी आवाज डिस्टर्ब नहीं करती . पीठ वाली दीवार पर जोर्ज माइकिल है .....मेज के एक कोने पर एक फोटो फ्रेम है जिसमे वो अपनी दादी के साथ खड़ी है.सामने वाली दीवार ब्राईट येलो है जिस पर सुर्ख लाल रंग से कुछ लिखा है,
"ईश्वर अनिवार्य नहीं रहा अब
के
हमने जुटा लिये है कई विकल्प "
साथ में एक बड़ा सा गिटार बना हुआ है .वो सम्मोहित सा एकटक उस दीवार को देखता है .
"वो दीवार इस बिल्डिंग की प्रोपर्टी है , विरासत में मिली है . सुना है पांच पहले कोई लड़का रहता था .उसका क्रियेशन है .उसके बाद रहने आई मै तीसरी हूँ पर किसी ने इस दीवार को टच. नहीं किया , कलर टेक्सचर अच्छा है .मुझे वाइब्रेंट कलर पसंद है .
" म्यूजिक आपके इमोशन का सबसे बेस्ट ट्रांसलेशन है "वो दीवार पे बने गिटार को छूते हुए कहता है
वो हाथ में पाँव लिए उसकी ओर ताक रही है
वो अचकचा गया है "what "
तुम्हारी बिरादरी का ही होगा ,भूल गयी थी तुम भी कुछ मुश्किल सा लिखते हो ना ! कोलेज मैगज़ीन में एक दो बार तुम्हारा लिखा देखा है पर पन्ने पर रुकी नहीं कभी ". ..वो बिस्तर पर अखबार बिछा रही है .वो गिटार को देख रहा है .
उसकी एक दो किताबे यहाँ छूटी रखी है ,शायद तुम ले जाना चाहो
खाते खाते वो कुछ ओर बतलाती है
"इंडिया में मुझे दो चीज़े बहुत पसंद है "दादी" ओर" पहाड़ ". .पहाड़ कटाजीयस होते है आपने ज्यादा वक़्त उनके साथ बिता लिया तो फिर वे आपके साथ चलते है"
हाथ धोने जब वो बालकोनी में आता है तो लाइन में पड़े उसके शूज़ ओर सैंडल देखता है .दर्ज़न से भी ज्यादा .
विदा के वक़्त वो उससे पूछती है "क्या सचमुच तुम्हारा ब्रेक अप हो गया ,वो बड़ी स्वीट लड़की है "
वो मुस्कराता है .बाय कहकर .नीचे उतर कर अपनी मोटरसाइकिल के पास खड़े होकर पूरी सिगरेट पी डालता है
अगले तीन दिन तक वो उससे मिलने से बचता रहा ,शायद कही भीतर से वो ये जताना चाहता था वो औरो जैसा नहीं है. .वो यारबाज आदमी था ढेरो दोस्त थे उसके उतने ही दुश्मन .
तीन दिन बाद की सुबह
वो कैंटीन में था वो उसके पास आकर बैठी
क्या बात है "आज शेव नहीं बनायीं
बस मन नहीं किया
कुछ खायोगी
नहीं आज मेरा व्रत है
व्रत ओर तुम ?
मेरी जैसी यही ना ! नहीं मानती यार ! पर करना पड़ता है दादी वास्ते !
मतलब
"कुछ नहीं "वो टाल जाती है .
अगले रोज वो कैंटीन में उसे दो किताबे थमाती है "ये लो तुम्हारी अमानत "
"फैज़ ओर साहिर" ! ! वो किताबे हैरानी से पलटता है .बाज मर्तबा उसने कई कीमते किताबे बड़ी गैर वाजिब जगहों से हासिल की है ,पुराणी दुकानों, फूटपाथो से पर ये ठेठ अंग्रेज़ीदा कोंवेंटी लड़की भी कभी ऐसी किताबो का जरिया बनेगी उसने सोचा नहीं था .
वो अचानक सिमट गयी है
क्या हुआ ?वो पीछे मुड़कर देखता है उसकी "एक्स "अपने डिपार्टमेंट के साथ कैंटीन में दाखिल हुई है
"जिंदगी में पहली बार किसी वैम्प सा फील कर रही हूँ ,अन कम्फर्टेबल
कभी कभी कुछ गलत आपको " सही" करने के लिए होता है
"प्यार इस दुनिया की सबसे कोम्प्लीकेटेड चीज़ है ,I hate love ये आपसे "आपको "छीन लेता है" वो फुसफुसा कर बोली है
आप दिल ओर दिमाग एक साथ लेकर नहीं चल सकते , आप या तो" इन" हो या "आउट " वो अपनी चाय पीते हुए कहता है
मालूम नहीं पर वो "स्वीट "लड़की है
सारी स्वीट लडकियों के पास फ्यूचर" जूम" करने वाला कैमरा भी होता है शायद
कम ऑन अब तुम जजमेंटल हो रहे हो
गोल गप्पे खायोगी ? वो अचानक उठा खड़ा हुआ है
चाय के बाद ?
तो ? चलो मै तुम्हे एक मस्त जगह लेकर चलता हूँ
बाइक पे उसके पीछे बैठते वक़्त उसकी निगाह कैंटीन के खिड़की के पार उन दो आँखों से टकराती है जो अब भी उनकी ओर जमी है .
"वैसे एक बात कहूँ ," मोटर साइकिल चलाते हुए वो कहता है " बड़ी अजीब सी बात है प्यार एक डबल एज स्वोर्ड की तरह है जब आप इसमें गले तक डूबे होते हो तो ये एक" पोएटिक जर्नी" सा लगता है ओर जब बाहर आते हो तो लगता है इसने आपको "औसत" बना दिया है आपके " क्रिटिकल सेन्स "को ब्लोक कर दिया है .....आपके विज़न को "नैरो "कर दिया है ! शायद आप ही इसके बाहर कुछ नहीं देखना चाहते ."
प्यार तुम जैसे बुद्धिमानो के लिए नहीं है डियर ! वो इसे भी मुश्किल बना देते है. वो या तो "होता "है या "नहीं होता"
वो हँसता है . !
उसे हॉस्टल ड्रॉप करते हुए उस रोज उसने कहा था "अजीब बात है न जिस इन्सान को आप सालो चाहते हो वो एक मिनट में आपके मन से उतर जाता है ., एक मिनट में "
वो एक टक उसको देखती रही थी !
हर इंसान के पास उसकी एक सराउंडिंग होती है जो उसके साथ साथ चलती है
उस रोज कोलेज बंद था दिसंबर के आखिरी हफ्ते के सर्द दिनों में से एक कोई दिन था सूरज दो रोज से छुट्टी पे था ,बाईक में पेट्रोल नहीं था शिरीष अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कमरे में बंद था सो वो पैदल ही एक जैकेट ओर मफलर लपेटकर सिगरेट लेने निकला था बारिश है .वो अपने हॉस्टल के बाहर खड़ी है
तुम्हे फिल्मे देखना पसंद है ? !"बॉम्बे "लगी है चलोगे
मेरे पास मोटर साईकिल नहीं है
"ऑटो से चलते है "
फिल्म देखते देखते एक इमोशनल सीन में उसने उसकी बांह पकड़ ली है . अंगुलियों के घटते बढ़ते दबाव पर वो उसकी ओर देख रहा है वो फिल्म में खोयी हुई है .वो उसके माथे पर बेतरतीब बालो को कान के पीछे करता है .हौल से बहर निकलते वक़्त अब भी बारिश है .उसने छाता खोल लिया है वो उसकी बांह पकडे चलती है .सर्दियों में कुछ ऑटो ही चलते है इसलिए वो किराया नहीं पूछते सीधे बैठ जाते है
अच्छी फिल्म थी ना
.तुमने कभी सोचा है जब हम कैमरे से किसी स्पेसिफिक ऑब्जेक्ट का शोट लेते है तो कुछ चीज़े उसमे अपने आप आ जाती है . .वो कभी कभी कुछ शोट्स में इस कदर शामिल हो जाती है के उस शोट का सेन्ट्रल पॉइंट सेन्ट्रल फोकस वही हो जाती है उसे ओर फोटोजेनिक बना देती है. उनका आस पास रहना ,बैक ग्राउंड में रहना ही दरअसल सेन्ट्रल में रहना है. जब मै कोई फिल्म दूसरी बार देखता हूँ तो उसके पास की इन्ही चीजों को देखता हूँ
तुमने फिल्म देखी हुई थी
हाँ फर्स्ट डे
वो उसे देखती है फिर एकदम नजदीक आ गयी है, लगभग झुककर .वो उसके होठ चूम लेता है .वो मना नहीं करती .एक मिनट वे गूंथे रहते है
ऑटो से उतर कर कुछ दूर ख़ामोशी साथ चली है जिसे वही तोडती है
बारिश अब भी है
"फॉर गोड़ सेक अब आई लव यू मत कह देना"
वो मुस्कराया था ओर एक सिगरेट जली थी .
"सिगरेट पीने वाले लडको को जेब में च्यूंगम रखनी चाहिए ".विदा लेते वक़्त वो कहती है
हर देह की अपनी खुशबु होती है.
सब ने उस रोज दिन में पी ली थी .वो सो कर उठा था सर में भयंकर दर्द था . पेट में भूख . उसे याद आया उसने कुछ नहीं खाया था बस कुछ उबले अंडे खाए थे . घडी रात के साढ़े दस दिखा रही थी . आस पास वाले भी सब पिए औंधे पड़े थे कमरे में टटोला कुछ नहीं रखा था बिस्किट भी नहीं .कोहरा कमरे के अन्दर घुसने को तैयार था .इस वक़्त रेलवे स्टेशन पर कुछ खाने को मिलेगा उसके कमरे की लाईट जली थी जाने क्या सोचकर उसने मोटरसाइकिल मोड़ दी .
उसका दरवाजा खटखटाया था " कुछ खाने को है ? भूख लगी है"
उस रात उन्होंने एक नया रिश्ता पहना था.
एक रजाई मे लेटे दोनों छत को ताकते है
"सिगरेट पी सकता हूँ " वो पूछता है
गिल्ट तो फील नहीं हो रही
नहीं !! क्यों ?
प्यार से फ्रेश फ्रेश बाहर निकले आदमी में गिल्ट ज्यादा होती है ना .टेस्टोंस्टीरोंन लो होते ही गिल्ट जाग जाग उठती है
वो उसकी तरफ देख मुस्कराया था "तुम्हारा सेन्स ऑफ़ ह्यूमर उससे कही ज्यादा है जितना मै सोचता था "
मुझे याद नहीं मैंने कही पढ़ा हो स्कर्ट पहनने वाली लडकियों का ""आई कयू कम होता है
वो फिर मुस्कराता है फिर होठो को गोल करके सिगरेट का गोल छल्ला बाहर निकालता है दोनों उसे ऊपर छत पे जाता देखते है
"वंस मोर "वो कहती है
अगले कुछ पल इन्ही छल्लो के खेल में गुजरे थे वो फिर छल्ला ऊपर छोड़ता है
.
मुझे स्टेशन तक छोड़ दोगे? दो दिन बाद उसने कहा था
अचानक ?
दादी की तबियत ख़राब है .
रास्ते में वो बताती है "उन्हें कैंसर है .कीमो चल रही है उनकी तबियत ख़राब रहती थी ,डाइगनोस होने में भी वक़्त लगा वही चाहती थी मै इंडिया आयूँ मान भी बस पापा खिलाफ थे पर उनकी वजह से आने दिया
"इमोशनली इन्वोल्व" मत होना .उसके दोस्त सिगरेट बांटते हुए कहते है . उसके दोस्त ऐसे ही थे न जिरह करते थे न पादरियों की तरह स्पीच देते थे .बस सिगरेट बांटते वक़्त अपने शुबहे ओर मशविरे दोनों बाँट लेते थे
उसके बाद सर्दियों की कई राते उनके बीच गुजरी . केनेजी के इन्सट्रूमेंटल के दरमियान प्यार ..कभी वो अपने साथ शामी कबाब लता जिसे वो गर्म करती ओर दोनों खाते कभी वो उसे मैगी में कुछ कुछ मिलाकर उसे खिलाती खास तौर से बोयल एग .वो कमाल की कुक थी .कुकिंग उसका पैशन था. बनाकर खिलाते वक़्त वो कोई नजर आती . वो अक्सर आधी रात उसके कमरे से बाहर निकलता . हर आदमी के भीतर कई दरवाजे होते है कुछ दरवाजे कभी खुलते नहीं कुछ सिर्फ किन्ही मखसूस लम्हों मखसूस लोगो के लिए खुलते है .अमूमन "प्यार" के बाद दोनों लेटे ऐसे छल्लो के देखते बतियाते .उस रात बारिश भी थी .सर्दियों में बारिश की फितरत कुछ अलहदा होती है बिना किसी किस्म की इत्तिल्ला दिए आती है .
कुछ है जो अनएक्स्प्लेबल है पर वो जो कुछ भी है उसका "जोड़ "प्यार नहीं है ........
उस रात उस का मूड कुछ जुदा किस्म का था
"१५ तक कनाडा में स्कूलिंग रही . 14 साल तक मै घर की सबसे शर्मीली लड़की थी .सीनियर क्लास के फूटबाल टीम के कैप्टन पे दिल आया पूरी क्लास उसपे मरती थी एक बार उसके साथ डेट पर गयी .वो पहला किस था उस रात मै सातवे आसमान पे थी पर अगली सुबह स्कूल वैसा ही था वो भी . मै उसके पीछे पीछे घूमती रही दो दिन बाद उसने कहा " कम ऑन इट्स इ डेट ओनली " ! तबसे बदल गयी .
वो रात के लिए अमूमन तीन सिगरेट बचकर रखता था . उस रात पहली सिगरेट थी .
रिबेलियन हो गयी ! लुक पर" कौनशियस" हो गयी कपड़ो पर ज्यादा ध्यान देने लगी ,शरीर पर भी . कुछ कुछ रिवेंज जैसा था पहले ब्रेक के बाद ज्यादा होता है . ......!
सोचा था बदल गयी हूँ पर यहाँ कॉलेज में फिर..... ****** के प्यार में पड गयी सोचा था ******* अलग होगा .अगर पहला प्यार कम उम्र में हो जाये तो उम्र के साथ प्यार का सिर्फ रोमांटीसाइज़ पहलू फोकस नहीं होता उसके लेफ्ट राईट भी चीज़े " जल्दी " दिखने लगती है.............!
वो वैसा तो नहीं था पर एक अलग किस्म का था . तब अहसास हुआ के मेरे अन्दर अभी बहुत कुछ है जो बदला नहीं है . उसे बदलना बाकी था ."
लाईट चली गयी है , केनेजी का इन्सट्रूमेंटल बंद हो गया है .बाहर की आवाज़ों ओर साफ़ है बतलाती है बारिश तेज है .पर बारिश का ये दखल उसको अखरता नहीं वो चुचाप सिगरेट पीता है .
"ऐसी जींस मत पहनो ,पहनो तो" शर्ट इन" मत करो .टी शर्ट मत पहनो. शोर्ट्स मत पहनो " बॉय फ्रेंड होते ही वो बदलने लगा .वो सिर्फ पोज़ेसिससेवनस नहीं थी . कपडे मेरे लिए अहम् नहीं थे पर इससे बात मत करो, उसके पीछे बाइक पर क्यों बैठी ? रूठना मनाना .मिन्नतो के बाद वो मानता अमूमन ये रोज होने लगा .फिर चुभने लगा, दम सा घुटने लगा उस रिश्ते में . एक दिन किसी टीचर को "स्मार्ट " कह दिया .तो उसने सबके सामने कैटीन में मुझे " बिच " कहा . उस रोज उसी लम्हे से वो मेरे मन से उतर गया .उस दिन उस लम्हे मुझे उससे नफरत हुई,......... घ्रणा !
बाहर बादल इस तरह से गरजे है मानो गुफ्तगू के इस पहलू से वाकिफ है
".उसके बाद उसने कई बार माफ़ी मांगी ,कई ग्रीटिंग्स कार्डस मेरे दरवाजे के नीचे धकेले पर मैंने तय कर लिया था उस रिश्ते में वापस नहीं जायूंगी " .
वो उसकी ओर देखती है " दूसरी सिगरेट जला लो , इसकी गंध अच्छी लगने लगी है "
ऐसा बहुत कुछ होता है जिसे आप एक वक़्त किसी से नहीं कह सकते अपने बेस्ट फ्रेंड से भी नहीं .उन दोनों के दरमियान का ये रिश्ता उसके भीतर कुछ भरता है जबकि वो उससे वो प्यार नहीं करता तब भी .क्यों ऐसा ? क्या ये क्षणिक अहसास है या इसकी स्मृति लम्बी रहेगी ?
वो उससे लिपटी पड़ी है .उसका मन हुआ कार के स्टीरियो में फिट गोल नोब जो उसका वोल्यूम घटाती बढ़ाती है ऐसी कोई नोब बारिश की भी हो तो वो बारिश बढाकर उसे फिक्स कर दे ......देर तक .
दीवार पर बैठा गिटार खामोश है
सुनो मुझमे किसी देवता का कोई अंश नहीं है इसका चश्मदीद गवाह तुम्हारी दीवार पर बैठा गिटार है ...........
तन्मय को देश से बाहर जाना है . हमेशा के लिए .यार दोस्त बाइक लेकर बाहर निकल जाते है चार दिनों के लिए .इंटर्नशिप का पीरियड इस फेटरनिटी में गोल्डन पीरियड कहा जाता है वो चार दिन बाद कोलेज लौटा है .उसके रूम पे दो बार गया है ताला लगा मिला है ,बाहर एक चिट छोड़कर आया है .तीन दिन तक वो उसे नहीं मिली है .
उसकी नींद को किसी दरवाजे पर पड़ती नोकों ने तोडा है उनीदे होकर वो दरवाजा खोलता है वही है ,धडधडा कर घुसी है
एक दम गुस्से में
"तुम समझते क्या हो मुझे ? मै कोई रिक्रेयेशन की चीज़ हूँ ? तुम्हारे मेल एगो की सप्लीमेंट "
वो भौचक खड़ा है .उसे बैठने को कहता है
तुम गए थे कहाँ ?बिना बताये ?
वो उसे देखता है" रिलेक्स यार दोस्तों के साथ निकल गया था "
बिना बताये ? ?
वो उसकी ओर देखता है .सिगरेट का पैकेट ढूंढ रहा है .
वो दो मिनट तक चहल कदमी करती है फिर उसके बिस्तर पर बैठ गयी है .
उसने सिगरेट सुलगा ली है .
दादी ठीक है वो पूछता है
मुझे डर लगने लगा है ,मै पोज़ेससिव होने लगी हूँ मुझे अब रात का इंतज़ार रहने लगा है , पहले कमरे में आकर मै रिलेक्स हो जाती थी अब एक तय वक़्त पर तुम इस कमरे में न मिलो तो बैचैनी होने लगती है ऐसा लगता है मेरी तरह ये कमरा भी तुम्हारा एडिक्ट होने लगा है. किस्म किस्म के बहाने मुड़कर तुम्हारी तरफ आने लगे है
वो सिगरेट फेंक कर उसके नज़दीक बैठ गया है .
तुम ठीक तो हो
वो रोने को हो आयी है उसे चूमती है उन चुम्बनों में आज कुछ रुंधा सा है एक अजीब किस्म का फील !
फिर वो अचानक उठ खड़ी हुई है
"हमें इस सबसे बाहर निकलना होगा " मुझे प्यार से बहुत डर लगता है वो तेजी से कमरे से निकल गयी है .
वो बौराया सा खड़ा रह गया था
वक़्त की बीहड़ क्रूरता अपनी अनिवार्यता नहीं छोडती .........
ज़मीर सीधी रेखा में नहीं बढ़ता .कितने गिल्ट है जो कतार बन कर दिल ओर दिमाग के दरमियाँ चलते रहते है. कुछ रिश्ते शरीर में धीमे धीमे फैलते है ,दिल के नाजुक हिस्से के एक खास रस्ते में आप क्लैम्प लगा देते है. internship ख़त्म होने को है
दरवाजे पर नोक , वो घडी देखता है सुबह के चार बजे है
वो दरवाजे पर खड़ी है "तुम मुझसे शादी करोगे "
वो भौचक खड़ा है .
अन्दर आओ क्या हुआ ?
" दादी नहीं रही ",मै वापस कनाडा जा रही हूँ"
वो उसे उसके नाम से पुकारता है
पापा नीचे गाड़ी में बैठे है ,बोलो मुझसे शादी करोगे ?
इस वक़्त ये कैसा सवाल है ?
मेरे लिए बेहद जरूरी है
............
अगली बार सिर्फ सर्टिफिकेट कलेक्ट करने वापस आयूंगी ........गर आयी तो
वी विल टॉक लेटर ऑन....मै गाडी तक आता हूँ
"नहीं " वो रुक गयी है पापा को मैंने अपनी दोस्त के बारे में कहा है
वो उसके नज़दीक आयी है .उसके होठो को चूमती है .उसके आंसू का नमक सा स्वाद उसके होठो पर है . ""टेक केयर
अलविदा ! वो उसे एक सेकण्ड देखती है फिर तेजी से ओझल हो जाती है .नीचे गाड़ी के स्टार्ट होने की आवाज
वक़्त के एक लम्हे में कोई आपको कितना चाह सकता है !!!!!!
मेरा बस चले तो हर दीवार पर एक गिटार खींच दूँ
कोंफ्रेंस हौल से निकलते निकलते उसे उम्मीद से ज्यादा वक़्त लगा .उसके अपने लेक्चर में ढेड घंटे का वक़्त बाकी है वो सोचता है लौटकर वापस आया जा सकता है क्या उसे बच्चों के लिए कुछ लेना चाहिए यूँ किसी के घर पहली बार खली हाथ जाना ,रास्ते में ले लूँगा .बाहर निकला उसे लेने आया ड्राइवर कोई इन्डियन ही था .वो दो घंटे लेट था
ओह सोरी ! घर पर सब वैट कर रहे होगे
घर, नहीं साहब इस वक़्त तो मैडम" होम "गयी होगी
"होम" ??
"पिछले छह सालो से मैडम का रूटीन है साहब .सेटरडे ,ट्यूसडे शाम ३ से छह अपना वक़्त वही देती है ". ड्राइवर रास्ते में बताता है
"ओर्फेनेज है पर मैडम ने उसे नयी शक्ल दे दी है साहब .क्या क्या जुटाया है उसके लिए लोगो से मांग कर पुराने खिलोने ,कपडे ,खेल के दूसरे सामान.स्कूल से अलग बच्चो को पढ़ाने के लिए टीचर ,महीने में एक बार चेक अप जो लोग एडोप्ट करने के लिए आते है मैडम उनकी पूरी हिस्टरी मालूम करवाती है साहब .एडोप्ट होने के बाद महीने महीने खुद बच्चों से फोन पर बात करती है .कही शक हो तो मिलने पहुँच जाती है .बच्चो से बहुत प्यार है साहब ".ड्राइवर बहुत उत्साहित है .फिर रूककर पूछता है
"घर चले के होम साहब ?
"होम ! तुम कितने साल से मैडम के साथ हो ?"
बचपन से .मैडम को गोद में खिलाया है साहब. इंडिया गयी आप लोगो के साथ पढने तब एयरपोर्ट मै ही छोड़ने गया था बचपन में बहुत जिद्दी थी . बड़ी मैम साहब के जाने के बाद बदल गयी प्रतीक साहब से शादी हुई तो मै भी इधर आ गया ."
उसके उत्साह का कारण अब समझ आया है
"ओर मैडम के बच्चे ?"
दो है साहब ,बाकी दिनों में तीन बजे हॉस्पिटल से आती है .पूरा वक़्त देती है उन्हें भी .कभी कभी होम भी लेकर आती है ! इतना काम करती है साहब पता नहीं कितनी एनर्जी है ? आप भी बच्चो के डॉ है ?
"नहीं ,आँख का हूँ ."
"आज कोई किसी बच्चे को एडोप्ट करने आने वाला था साहब इसलिए मैडम का जाना जरूरी है साहब "
हम्म....
होम के बाहर पार्किंग के परे एक मैदान है ,बोस्केट बाल ग्राउंड ,कुछ दूर वोली वाल ..ड्राइवर उसे एक वेटिंग में आदर से बैठने को कहता है .
मै देख कर आता हूँ साहब .
वो वेटिंग में लगी अलग अलग तस्वीरे देखने उठ खड़ा हुआ है .स्टेज पर स्पीच देती , बच्चो के साथ खेलती ,अलग अलग जगहों पर खड़ी वो . तस्वीरे बताती है वो अब भी वैसी है स्लिम बस चेहरे पर एक नयी चीज़ आ गयी है नजर का चश्मा .
"ओह सोरी ! दिवाकर तुम्हे यहाँ ले आया "वो पीछे मुड़ता है वाईट कुरते ओर जींस में वही है
"ये गोगल्स सूट करते है तुम्हे ."
"चालीस पार थोडा इंटेलिजेंट लगना चाहिए न" वो हंसी है
घर चलने के लिए थोडा रुकना पड़ेगा ,यहाँ कुछ काम बाकी है
घर नहीं जा पायेगे , ढेढ़ घंटे बाद मेरा लेक्चर है
ओह ! तुम मुझे दस मिनट दो फिर कोफ़ी पीने चलते है नज़दीक में ही है
वो दस मिनट बाद आई है
ड्राइवर से चाभी लेकर वो खुद ड्राइव कर नज़दीक के एक कॉफ़ी हायूस में आई है
अभी काम बाकी है ,वापस लौटकर आना पड़ेगा .रस्ते में वो बताती है .
"बाल गए तुम्हारे " बैठते वक़्त वो कहती है
हाँ ! वो सर पार हाथ फिराता है "शरीर उम्र बताने लगा है पर अब भी हैंडसम दिखता हूँ .
वो हंसी है . वही हंसी
"तुम बदल गयी हो ....... बहुत" वो गौर से उसे देखता कहता है
वो कॉफ़ी का घूँट भरती है
" .प्रतीक से शादी के बाद जब पहली बार प्रेग्नेंट हुई तब बड़ी एक्ससाइटेड थी दो बार मिस्केरिज हुए दूसरा चौथे महीने में डिप्रेशन में आ गई .साईंक्रिटिक फ्रेंड ने तब इस होम में आकर सिर्फ छोटे बच्चो को कहानी सुनाने की जिम्मेदारी दी . यहाँ एक बच्ची मिली पांच साल की एक एक्सीडेंट में अपना सारा परिवार खो चुकी थी ,एक हाथ भी . परिवार में जो बचे थे उसे अपनाने को तैयार नहीं थे वो रोज शाम मुझे मुस्कराती मिलती थी , मुझे लगा मेरी तो खरोंचे है वो पहला एक्सप्लोरेशन था दुनिया का .l.इन बच्चो ने धीरे धीरे जिंदगी की दूसरी गांठे खोलनी शुरू की .इस दुनिया में तकलीफों के पुलंदे है सबके हाथ में कुदाली है कोई अपने अतीत को खोद रहा है तो कोई भविष्य को ,हम अपने से शुरू कर दुनिया अपने पे ही ख़त्म कर देते है आस पास देखते नहीं .मुझे लगा दुःख मुझे चला रहे है मैंने" रिमोट" उनके हाथ में दे दिया है .मुझे इस कंट्रोल से बाहर निकल कर इन पुलंदो को खोलना होगा . कुछ वापस देना होगा. तब से कोशिश कर रही हूँ बस ! लगा कितना कुछ है जो करना बाकी है ओर कमाल देखो उसके बाद दो बार प्रेग्नेंट .आखिरी हफ्तों तक हॉस्पिटल आती रही होम भी , सब कुछ परफेक्ट ! .मेरी दो बच्चिया है " .....एक सांस
"दादी कहती थी उम्र सबसे बड़ा एब्सोर्ब्वर है .सही कहती थी .आपकी अग्रेसिवनेस आपकी आक्रामकता डालयूट हो जाती है जिंदगी में जो कुछ भी गुजरा है उसे मै discontinue नहीं करती पर उसे होल्ड करके भी नहीं रखती ,गुजर जाने देती हूँ उन वक्तो की अपनी जगह है .हर समय की अपनी सराउंडिंग होती है."
कोफ़ी का लम्बा घूँट !
"प्रतीक बहुत अच्छा है उसने बहुत सपोर्ट दिया,आई एम लकी"
उसका मोबाइल बज उठा है .वो कुछ मिनट बात करती है
"तुम रात का डिनर क्यों नहीं करते हमारे साथ "वो फोन बंद करके उससे मुखातिब होती है
नहीं इंस्ट्रूमेंट वालो के साथ एक इम्पोर्टेंट मीटिंग है
सुना है बहुत बड़े आदमी हो गए हो
"हम लोग सिर्फ उम्र से बढे हो रहे है"
होटल वापस ड्रॉप करते वक़्त वो गाडी में पूछती है " ओर किताबे पढना वो जारी है या छूट गया "
"तबसे सिर्फ किताबे पढ़ रहा हूँ पर उनमे जो लिखा है वो शायद तुमने समझा है"
ओह कम ऑन!
होटल लोबी में उतरकर वो उसके गले लगती है
"तुम दोनों अपने आप में खास हो .बिना चश्मे वाली भी ओर ये चश्मे वाली भी . आई एम् प्रायूड ऑफ़ यू " वो उसके कान में फुसफुसाता है
हर वक़्त "अनफिनिशिड" होता है . हम जिस मोड़ को "दी एंड " मानकर किरदारों की इमेज बना लेते है वो "टेम्परेरी "होती है उसके ब्रेकेट में कही "कंटीन्यू" भी लिखा होता है जिसे हम पढ़ नहीं पाते