2013-04-18

एक तवील बोसे में कैसी प्यास पिन्हां है .........

"तुम्हारे पास बहुत इगो है "वो कहती है.
"वो इगो नहीं है ,वो खुद से लड़ाई है जानती हो कभी कभी तुम्हे बहुत मिस करता हूँ ,भीड़ में ,काम करते हुए , सबसे ज्यादा ड्राइव करते हुए "
  वो हथेलियों में उसका चेहरा भर लेती है बार बार उसके होठो को चूमती है .कुछ था उसके भीतर .जैसे सारा  उड़ेल देना चाहती हो अपने भीतर से सब कुछ खाली "किस बिफोर डेथ " जैसा कुछ !
 "तुम औरतो को कभी नहीं समझ पाओगे "वो फुसफुसाती है "उसे कई हिस्सों में जीना होता है,उसके दिल में कई तहरीरे जिरह करती है कई समंदर रहा करते है "
 पर अपना "असली हिस्सा" तुम उसे बहुत पीछे छोड़ आयी हो  तुम्हारी रूह वही है .
  "मै तुम्हे जितना समझती हूँ तुम मुझे उतना नहीं समझते "वो कहती है .
 "प्यार में सब कहा नहीं जाता" .मै ऐसा सोचता था .
  "प्यार में सब कुछ कहना होता है " उसकी आवाज में एक अजीब सी  उदासी है  "वूमेन  के "इमोशनल -वेसल" को लगातार भरना होता है भले ही वो कितनी पढ़ी लिखी हो  दुनिया के सबसे मोर्डन शहर में रहती हो "
  "प्यार में भी " वो हैरान है !
 हाँ प्यार में ही !   प्यार बुद्धिमानों के लिए नहीं बना  .वो हंसी है .उसकी हंसी उसके स्टेयरिंग आँखों की तरह है .वो गुस्सा हर लेती है  
अच्छी यादे गर जिंदा गर रहे तो आदमी कम तल्ख़ होता है .वो उसे फिर चूमती है.लगातार !
 क्या मै सलफिश हो गयी हूँ जो अपने बारे में सोचने लगी हूं ?

कभी कभी प्यार सिर्फ प्यार नहीं होता है "फिल इन दा गेप"  होता है  .आप अपने माजी के दरवाजे खोलकर वक़्त के सिर्फ एक टुकड़े को दोबारा रिवाइंड करना चाहते हो,या  कुछ देर ठहर कर उसे जीना  चाहते हो ...
बावजूद ज़ेहन के उस हिस्से के जिसका आप पे सदा इख्तियार रहा है 
हाँ बावजूद उस हिस्से के जिसके पास  अब" गिल्ट" नाम का अचूक हथियार है
तुम्हे हैरानी नहीं हुई  
एक वक़्त ऐसा आता है आपको कुछ हैरान नहीं करता .
तुम मुझ पर कभी गुस्सा नहीं हुए ,नफरत नहीं की ?
हुआ शुरू के सालो में बहुत ..पर नफरत नहीं कर पाया 
गर अगले दस  साल बाद मिले तो कुछ "अनकहा" तब भी रह जायेगा  हाँ शायद
ओर ये "शायद" कब तक जिंदा रहेगा
" जब तक तुम्हारी ब्राउन आँखे  स्टेयर करेगी....आँखे बूढी नहीं होती ना"। वो हँसता है
तुम अब भी वैसे ही हो झूठे ! गैर मामूली चीजों को खास बना देने की आर्ट  में माहिर    

 पर  तुम बहुत  बदल गयी हो  पहले ऐसी होती तो जाने नहीं देता ...लड़ जाता दुनिया से 
  "तो क्यों जाने दिया"
मेरे मुताबिक प्यार में रोकने की जरुरत नहीं पड़ती .
वो उसे चूमती है फिर एकटक देखती है
तुम्हारी ब्राउन आँखे अब तक
 
बहुत "स्टेयर" करती है ,पर  अब ख्वाबो के पीछे भागने की उम्र नहीं रही ,जल्दी हांफ जाता हूँ . " 
 

प्यार के साथ साथ खुदा ने कई चीज़े पेरेलल चलायी है पर  कोई ऐसा सिस्टम नहीं के जोर से कहो " स्टेचू " !! खुदा का साइन बोर्ड हमेशा एक तय जगह से फ्लेश करता है " वक़्त अन बायस है ".बस वहां एक चीज़ अच्छी है  सब गुमशुदा चेहरे  है .
हवा में  चुम्बनों की महक है।

(एक अज़ीज़ दोस्त ने मशवरा दिया के फेसबुक पर भी कई टुकड़े छोड़े है उन्हें भी तो जमा करिए ,सो एक यहाँ रख दिया  ओर हाँ शीर्षक बाकर मेहंदी की एक  नज़्म का वो हिस्सा है जो हमेशा याद रहता है  )




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