130.....आत्मस्वीकृतिया भी एक प्रकार का तिलिस्म है.
131......लखनऊ से ट्रेन चली है ..अकेले यात्रा मुझे उबाऊ लगती है .अभय इलाहाबाद चला गया . सेकत्रेट के चपरासी को कुछ पैसे देकर हमने अपने मार्क्स निकलवाये है .यू .पी सी पी एम टी का रिज़ल्ट में सिर्फ रोल नंबर निकलते है ,उसके 8 5 0 है लास्ट कट आउट 7 5 9 है .....वो हिंदी में फ़ैल है, हिंदी यू पी इस प्रवेश परीक्षा का अनिवार्य सब्जेक्ट है दूसरे प्रदेश के बच्चो को रोकने के लिए। वो अपने बढे भाई के पास इलाहाबाद चला गया है जो वहां से एम् बी,बी एस कर रहे है .मेरे 7 54 है .के जी एम् सी के लड़के बताते है यहाँ एक वकील है जो इस तरह के केसेस लड़ता है .मल्टीपल चोयेस क्वोश्चन में कई लड़के केसेस जीतकर आये है . तकरीबन हर पेपर में पांच सात कोश्चन डिबेटेबल होते है वकील साहब मुझे बतलाते है एक उम्मीद सी बंधी है .क्वोस्चन याद करता मै सो गया हूँ .आधी रात में लोहे की जाली के उस पार से शोर हुआ है .चिल्लाने ओर रोने की आवाजे .1 8 साल की एक लड़की को रात में किसी सहयात्री ने छेड़ने की कोशिश की है .वो रो रही है . अपनी माँ के साथ दूर का पहला सफ़र है .छेड़ने वाला ऊपर वाली बर्थ से उतर कर चला गया है आधे घंटे के शोर शराबे के बाद लड़की ऊपर वाली बर्थ पर नहीं चढ़ी है ,कुछ देर बाद अस्पष्ट सी आवाजों के साथ मै सो गया हूँ .सुबह उठा हूँ तो कोई बता रहा है छेड़ने वाला अभी लौटकर अपनी सीट पर वापस नहीं आया है उसका सामान वही रखा है उसकी पत्नी ओर पांच साल के बेटा भी सफ़र में है .उसकी पत्नी की सूजी आँखे निचुड़ा वीरान सा चेहरा कल की रात उसका सारा खून सोख कर ले गयी है . रात अभी उसके लिए गुजरी नहीं है ,शायद गुजरेगी नहीं गुनाह की साझेदारी को लोगो ने उसके पाले में धकेल दिया है उसका पांच साल का बेटा डरा सहमा माँ से लिपटा है जैसे कुछ कुछ समझ रहा हो .
132 ....... लोग आपकी स्मृतियों में न जाने किन अजीब से कारणों से रहते है ?कुछ बड़े साधारण से ,,जिन्हें एक्सप्लेन आप नहीं कर सकते जैसे गुडगाँव में रहने वाले मेरा दोस्त की स्मृतियो में एक हिस्से में हवाई जहाज की गडगडाहट उपस्थित रहती थी . .या फर्स्ट क्लास कीवो टीचर जिसका चेहरा धुंधला धुंधला सा याद है जो लंच ब्रेक में टेबल पर सर झुकाए बैठी मिलती थी ... दोबारा सर उठाती तो आँखे गीली रहती .वो किसी बच्चे को नहीं डांटती थी ... पता नहीं क्यों किन कारणों से मेरे सपने में आयी !आपके जीवन में शामिल कुछ लोग होते है जो आपको दोबारा कभी मिलते नहीं उनका आपके साथ सफ़र शायद एक तय वक़्त में ही होता है !
133.आज पीते हुए तोमर ने फिलोस्फिकल बात कही ,पीने के बाद इमोशनल होना हौसटली लडको की फितरत है !"कभी कभी हम आदमी के बारे में उसके फिजिकल लेंगवेज से राय बना लेते है ,कभी कभी उसकी एप्पिरेयेनेन्स से . हमारी क्लास में एक लड़का था ,खुरदुरा,मोटा चेहरे पे चिकन पौक्स के निशान . हमेशा मुस्कराता रहता .उसने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था फिर भी लोग उसे पसंद नहीं करते थे .एक बार हमारी स्कूल पिकनिक जाने का प्रोग्राम बना . पूरी क्लास में कोई नहीं चाहता था वो पिकनिक में जाए ,बहुत तरकीबे सोची गयी पर वो आया . पूरे रस्ते बस में सबने उसका मजाक उड़ाया ,वहां उसी पिकनिक में झील के बीचो बीच उसी जगह नाव पलटी जो सबसे गहरी जगह थी .कोई अपनी जगह से नहीं हिला, तैरना जानने वाले स्कूली लड़के भी नहीं . गार्ड के आने तक वो नाव वाले के साथ लोगो को निकालने में लगा रहा ..जानते हो मजाक उड़ाने में जो सबसे ज्यादा वोकल लड़की थी वो उसी नाव में थी ......ओर "मै "भी
वो फीकी हंसी हंसा था !जानते हो ..उस दिन के बाद से मैंने किसी के बारे में राय बनाना छोड़ दिया है .वापस अपने कमरे में आ गया हूँ लेटने की कोशिश करता हूँ पर नींद नहीं आ रही .कमरे में तलाशता हूँ सिगरेट ख़त्म हो गयी है .एक वक़्त गुजर जाने के बाद गर नींद न आये तो पूरी रात जागते हुए गुजरती है .वो चेचक के दागो वाला लड़का पीछा नहीं छोड़ रहा ...!
134. .....कभी कभी जिस लड़की का दैहिक आकर्षण आपको खींचता है वो अपने दैहिक रूप में बहुत साधारण मिलती है ओर साधारण दिखने वाली लड़की दैहिक रूप से अद्भुत .....वूमेन वाकई एक सीक्रेट है" वो मेरे कान में फुसफुसाया है .वैसे वहां फुसफुसाने की जरुरत नहीं है हम दोनों अकेले ही है पर ये उसकी फितरत है . उसे हम "वात्सायन" कहते है हॉस्टल की छत की मुंडेर पर बैठे वो दिव्य ज्ञान मुझे देता है .
135....
जब आप बिस्तर पर होते है अस्वस्थ शरीर के साथ तो कुछ इन्द्रिया पहली बार इस्तेमाल होती है जो एक नयी दुनिया खोलती है .मौलिक दुनिया ........हर दुःख पुर्नजन्म है
136...
जीवन में सब कुछ तार्किकता से हल नहीं होता . कभी कभी दिल की ओर मुड़ना भी होता है।
137...
हर वक़्त की ,व्यक्ति की प्राथमिकताये अलग अलग होती है ,तुम्हारे लिए जो सबसे पहली प्राथमिकता हो शायद मेरे लिए चोथी हो या पांचवी। ओर मेरे लिए जो पहली वो शायद तुम्हारी लिस्ट में ना हो .
138.... आप कुछ नया नहीं जी रहे .. हो सकता आपसे पहले किसी ने किसी काल में ऐसी परिस्थितियों को , ऐसे ही सुखो दुखो को जिया हो .तो क्या जीवन कई क्रमों को नए सिरे से लगाकर पुनः दोहराना है
139...
कुछ लोगो का एब ही उनका हुनर होता है .
140...
वो मेरा हमनाम भी है हम पेशा भी , बस दुनिया के
दुसरे हिस्से में है ऑस्ट्रेलिया में . स्कूल के बाद अचानक मिला है .आज शाम
ही उसे दिल्ली निकलना है ससुराल में .....कल उसकी फ्लाईट है
बियर पियेगा मै उससे पूछता हूँ
इस वक़्त ?