मुझे वो पेंट की गई दीवार बहुत पसंद थी जिस पर किसी ने सूरज उगाया था ,पीले रंग का सूरज ,मुझे बाद में पता चला उसे बनांने वाले को खुदा ने आवाज नहीं दी थी। मैंने उस दीवार को दोबारा देखा वो कितना कुछ “कहती “ थी।
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एक लड़की बहुत हंसती थी। एक उम्र में जाकर अचानक खामोश हो गयी थी ,कोई किसी के हंसी खोने का अफ़सोस नहीं करता।
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लोग अपने आप मन से घटते है .हैरान इस बात से हूँ मुझे उसका मलाल नहीं है !
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जब बाते मन मे हो कह देनी चाहिये ,ना कहने से वे इकठ्ठी हो जाती है और आहिस्ता आहिस्ता रिसती है ।
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कुछ जगह आपके भीतर रह जाती है ,कुछ नामालूम सी वजहों से । वे कोई गैर मामूली जगह नही होती बस आपके भीतर बस जाती है। कुछ सड़के ,कुछ गलिया।ग्रीस की एक दोपहर हम ऐसी गली में पहुंचे जहाँ हम जाना नहीं चाहते थे हम भटक गये थे ।पर वहां पहुंचकर हमारा लौटने का मन नहीं हुआ , एक चौराहे पर हम दोनों दोस्तो ने बियर पी और देर तक लोगो को आते जाते देखते रहे। अज़ीब बात थी हम दोनों ने कई देर कुछ बात नहीं की। कहते है नैनीताल में बहुत ऊपर एक अंग्रेज बरसो से रहता है अकेला। मुझे उससे मिलने की इच्छा है। मैंने एक बार एक पायलट से पूछा था मै सिर्फ दो मिनट के लिए कॉकपिट में आ सकता हूँ।
उसने मुझे अजीब तरह से देखा था ,फिर रहम कर आने दिया था ।मै पांच मिनट तक कॉकपिट में रहा था । हॉस्पिटल में एक बूढ़े ने कभी मुझसे कहा था
"तुम्हारी गैर मौजूदगी यदि एक भी आदमी कही भी महसूस नहीं कर रहा तो तुम्हे अपने जिए को दुबारा देखना होगा "
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एक लड़की बहुत हंसती थी। एक उम्र में जाकर अचानक खामोश हो गयी थी ,कोई किसी के हंसी खोने का अफ़सोस नहीं करता।
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लोग अपने आप मन से घटते है .हैरान इस बात से हूँ मुझे उसका मलाल नहीं है !
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जब बाते मन मे हो कह देनी चाहिये ,ना कहने से वे इकठ्ठी हो जाती है और आहिस्ता आहिस्ता रिसती है ।
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कुछ जगह आपके भीतर रह जाती है ,कुछ नामालूम सी वजहों से । वे कोई गैर मामूली जगह नही होती बस आपके भीतर बस जाती है। कुछ सड़के ,कुछ गलिया।ग्रीस की एक दोपहर हम ऐसी गली में पहुंचे जहाँ हम जाना नहीं चाहते थे हम भटक गये थे ।पर वहां पहुंचकर हमारा लौटने का मन नहीं हुआ , एक चौराहे पर हम दोनों दोस्तो ने बियर पी और देर तक लोगो को आते जाते देखते रहे। अज़ीब बात थी हम दोनों ने कई देर कुछ बात नहीं की। कहते है नैनीताल में बहुत ऊपर एक अंग्रेज बरसो से रहता है अकेला। मुझे उससे मिलने की इच्छा है। मैंने एक बार एक पायलट से पूछा था मै सिर्फ दो मिनट के लिए कॉकपिट में आ सकता हूँ।
उसने मुझे अजीब तरह से देखा था ,फिर रहम कर आने दिया था ।मै पांच मिनट तक कॉकपिट में रहा था । हॉस्पिटल में एक बूढ़े ने कभी मुझसे कहा था
"तुम्हारी गैर मौजूदगी यदि एक भी आदमी कही भी महसूस नहीं कर रहा तो तुम्हे अपने जिए को दुबारा देखना होगा "